माइग्रेन मनोरोगों का भी हो सकता है संकेत…

स्वास्थ्य।  माइग्रेन एक प्रकार की गंभीर सिरदर्द की स्थिति है। चूकिं सामान्य सिरदर्द से अलग इसमें अक्सर सिर के एक हिस्से और आंखों में तेज दर्द की समस्या होती है। बहुत से लोगों को दर्द के साथ मितली जैसी परेशानियां भी हो सकती है। कुछ स्थितियों में उल्टी के बाद दर्द कम भी हो जाता है। माइग्रेन की स्थिति काफी दर्दकारक मानी जाती है।

माइग्रेन अटैक के दौरान लोगों को शांत और अंधेरे कमरे में जाने से आराम मिलता है। डॉक्टर्स कहते हैं, अगर आपको भी अक्सर माइग्रेन की समस्‍या बनी रहती है, तो इसे सिर्फ सिरदर्द समझने की भूल न करें, कुछ स्थितियों में माइग्रेन साइकोसोमेटिक यानी कि मानसिक स्वास्थ्य विकारों के कारण भी होती हैं।

अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार, मितली और उल्टी आमतौर पर माइग्रेन के शुरुआती चरणों के समय होने वाली समस्या होती है। इस प्रकार का दर्द यदि अक्सर बना रहता है तो स्थिति के सही कारणों  के बारे में जानने के लिए किसी डॉक्टर से मिल लेना आवश्यक हो जाता है। अगर माइग्रेन की दिक्कत मानसिक रोगों के कारण हो रही है तो इसमें तुरंत किसी मनोरोग विशेषज्ञ के परामर्श और इलाज की जरूरत होती है। आइए जानते हैं माइग्रेन के कारण और इससे राहत पाने के तरीके:-

मानसिक विकारों के कारण माइग्रेन की समस्या परामर्श:-
शोधकर्ताओं ने पाया कि चिंता-तनाव जैसी स्थितियों में माइग्रेन की समस्या होने की संभावना  अधिक होती है। इसी कारण माइग्रेन की स्थिति में स्वास्थ्य विशेषज्ञ आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में भी पूछते हैं। कुछ अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सिज़ोफ्रेनिया और माइग्रेन के बीच नैदानिक संबंध पाया है।

यही कारण है कि डॉक्टर्स कहते हैं यदि आपको लंबे समय से माइग्रेन की दिक्कत बनी हुई है और सामान्य उपचार के माध्यम से यह ठीक नहीं हो रही है तो इस बारे में किसी मनोरोग विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि माइग्रेन में किन उपायों की सहायता से आराम पाया जा सकता है?

अदरक है माइग्रेन में फायदेमंद:-
शोधकर्ताओं ने पाया कि अदरक माइग्रेन की समस्या में लाभकारी हो सकता है। अदरक का पाउडर माइग्रेन से परेलोगों के इलाज में सुरक्षित और प्रभावी हो सकता है। इससे 2 घंटे में माइग्रेन के दर्द को कम करने और मतली और उल्टी को रोकने में भी सहायता मिल सकती है। चूकिं शोधकर्ताओं का कहना है कि सभी लोगों में यह उपचार प्रभावी नहीं है। इसकी प्रमाणिकता के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

स्ट्रेस मैनेजमेंट से मिलता है लाभ:-
चूंकि अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि माइग्रेन, मनोरोग विकारों के कारण होने वाली समस्या हो सकती है, ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमंट के उपायों को उपयोग में लाकर माइग्रेन में लाभ पाया जा सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, कि 10 में से 7 लोगों में तनाव के कारण माइग्रेन के लक्षण पैदा होते हैं। गुनगुने पानी से स्नान, या लंबी सांस लेने वाले स्ट्रेस मैनेजमंट के उपायों से माइग्रेन की स्थिति में लाभ पाया जा सकता है।

मैग्नीशियम वाली चीजों का करें सेवन:-
मैग्नीशियम शरीर के लिए के लिए  आवश्यक खनिजों में से एक है, इसकी कमी से माइग्रेन हो सकता है। शोध में पाया गया है कि, मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लेने से कुछ लोगों को माइग्रेन अटैक की स्थिति में आराम मिल सकता है। आहार के माध्यम से भी मैग्नीशियम वाली चीजों का सेवन करके लाभ पाया जा सकता है इसके लिए चोकरयुक्त गेहूं, पालक, बादाम, काजू और मूंगफली, डार्क चॉकलेट और एवोकाडो का सेवन किया जा सकता है। डॉक्टरी सलाह के बिना  मैग्नीशियम या किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट्स नहीं लिया जाना चाहिए।

 

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