हेल्थ। एक सर्वे के मुताबिक, हर 7 में से एक व्यक्ति माइग्रेन से पीड़ित है।यह संख्या लगभग 100 करोड़ से ज्यादा है। महिलाओं को पुरुषों की तुलना में माइग्रेन की समस्या तीन गुना ज्यादा होती है। माइग्रेन से पीड़ित हर 10 व्यक्ति में से 8 महिलाएं हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में होने वाले बदलाव के कारण उन्हें माइग्रेन का दर्द ज्यादा होता है।
माइग्रेन से पीड़ित होने पर 10 में से 9 मरीजों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो जाती है, जो काफी चिंता का विषय है। कई लोगों में माइग्रेन का दर्द होने के एक से दो दिन पहले कब्ज, गर्दन में दर्द, जल्दी-जल्दी मूड में बदलाव, बार-बार यूरिन, जम्हाई के अलावा आंखों के आगे अंधेरा छाना, बोलने में समस्या होना और हाथों व पैरों में सुई चुभने जैसे लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों को पहचान कर दर्द से बचने के उपाय किए जा सकते हैं।
माइग्रेन न्यूरोलॉजिकल समस्या है:-
माइग्रेन ऐसी बीमारी है जो दिमाग अथवा नर्व को प्रभावित करती है। सिर में कई प्रकार से दर्द के अलावा, उल्टी, नाक से पानी आना, रोशनी और आवाज से दिक्कत होने लगती है। माइग्रेन अक्सर क्रोनिक होता है यानी एक बार पीड़ित होने पर इसकी समस्या वर्षों तक रह सकती है।
माइग्रेन होने की वजह:-
अलग-अलग व्यक्तियों के लिए माइग्रेन के कारण अलग होते हैं। बावजूद इसके कई कॉमन कारण हैं इन्हें, ट्रिगर कहते हैं। चमकीली रोशनी, मौसम में बदलाव, रुटीन में बदलाव, भोजन के समय में बदलाव, डिहाइड्रेशन, तीव्र गंध और हॉर्मोनल बदलाव से भी माइग्रेन होता है।
माइग्रेन के प्रकार:-
पहला: ऑरा के साथ माइग्रेन। इसमें चेहरे पर स्पॉट या झुनझुनी होती है। यह दर्द 20 मिनट से एक घंटे तक रहता है।
दूसरा: बिना ऑरा का माइग्रेन। इसके चार फेज होते हैं। इसमें सिर के एक हिस्से में ज्यादा दर्द होता है। नाक बहना, उल्टी और गर्दन में अकड़न जैसी समस्या होती है। इसका दर्द कई दिनों तक रह सकता है।
माइग्रेन के अलावा सिर दर्द के यह 3 प्रकार भी हैं:-
तनाव: इसमें दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है। दर्द सिर के पीछे या सामने महसूस होता है। यह 30 मिनट से 7 दिन तक रह सकता है।
साइनस: आंखों के ऊपर, आसपास दर्द होता है। यह दर्द बुखार भी लाता है। नाक जाम हो जाती है। चेहरे पर दबाव महसूस होता है।
क्लस्टर: सिर बहुत तेजी से दर्द करता है। दर्द रुक-रुक कर होता है। पीड़ित को बेचैनी होती है। नशा बड़ी वजह है।
लंबे समय तक राहत के लिए क्या करें:-
- रिदमिक ब्रीदिंग:5 तक गिनते हुए सांस लें। 5 तक ही गिनते हुए सांस छोड़ें। सांस छोड़ते हुए शरीर को मिलने वाले रिलैक्स पर ध्यान दें। दर्द तेजी से कम होगा।
- विजुअलाइज ब्रीदिंग:किसी शांत जगह पर आंखें बंद करके बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए कल्पना करें कि आपकी बॉडी रिलैक्स हो रही है और तनाव दूर हो रहा है। सांस गहरी लें, लेकिन बहुत ज्यादा जोर न लगाएं। सांस लेते हुए इसे नाक से होकर फेफड़ों और फिर छाती एवं पेट तक जाते हुए महसूस करें। अब इसी तरह इसे बाहर निकलते हुए महसूस करें।