मोहाली के आईएनएसटी के वैज्ञानिकों ने बनाई प्रकाश छोड़ने वाली स्याही

नई दिल्‍ली। भारतीय वैज्ञानिकों ने ऐसी स्याही तैयार की है, जिससे खास रसायनों की वजह से प्रकाश निकलता है। इसके जरिए कागज के मुद्रा-नोटों, दवाओं, प्रमाण-पत्रों, बैंक दस्तावेजों और ब्रांडेड उत्पादों आदि की नकल रोकी जा सकेगी। यह जादुई स्याही इन सभी चीजों पर टैग के तौर पर उपयोग हो सकती है। इसे मोहाली स्थित नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) की टीम ने तैयार किया है। यहां के वैज्ञानिक डॉ. संन्यासी नायडू बोड्डू ने बताया कि नई स्याही मेटल-फॉस्फेट पर आधारित है। यह तत्व जहरीला नहीं होता। इसमें प्रकाश उच्च स्तर पर छोड़ने का गुण होता है। इसका प्रकाश तापमान, बाहरी प्रकाश, मौसमी आर्द्रता आदि से प्रभावित नहीं होता, बल्कि स्थायी बना रहता है। डॉ. संन्यासीनायडू की टीम का यह काम क्रिस्टल ग्रोथ एंड डिजाइन और मटीरियल टुडे कम्युनिकेशन जर्नलों में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार आज नकली चीजों से पूरी दुनिया परेशान है। वहीं प्रकाश छोड़ने वाली कई तरह की स्याहियां पहले से दुनिया में उपलब्धि हैं। लेकिन उनमें फोटॉन (ऊर्जा की इकाई का एक प्रकार) को उच्च मात्रा में छोड़ना होता है, बदले में वे हल्की ऊर्जा के फोटॉन उत्सर्जित करती हैं। अब तक उपयोग हो रही ऐसी स्याही में फ्लूरॉइड उपयोग होता है, जो न केवल जहरीला है, बल्कि अस्थिर भी है। इस प्रकार की स्याहियों को सामान्य प्रकाश में नहीं देखा जाता, उनके लिए पराबैंगनी प्रकाश की जरूरत होती है।

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