नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) की आरक्षण पात्रता निर्धारित करने के लिए आठ लाख रुपये की वार्षिक आय के मानदंड को अपनाया जाना तर्कसंगत है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की पात्रता आय सीमा का निर्धारण गंभीर विचार-विमर्श का परिणाम है, जो ओबीसी के संदर्भ में मानदंड निर्धारित करने के लिए पहले ही हो चुका है। मंत्रालय ने यह हलफनामा मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 50 फीसदी अखिल भारतीय कोटा सीटों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने की केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उठे मसले पर दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए इस सवाल पर कि क्या केंद्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के लिए मानदंड पर पहुंचने से पहले इस बारे में कोई अभ्यास किया था, केंद्र ने कहा है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के निर्धारण के लिए मानदंड सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के भीतर और सभी संबंधित हितधारकों से विचार- विमर्श के बाद तैयार किया गया है।