मुंबई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो गई। वहीं तीन दिन चलने वाली बैठक के नतीजे बुधवार को आएंगे, जिसमें रिवर्स रेपो रेट बढ़ाने जाने का अनुमान है। बैठक से पूर्व एसबीआई रिसर्च सहित कई अर्थशास्त्रियों ने अभी यथास्थिति बनाए रखने का सुझाव दिया है। एसबीआई रिसर्च की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि कोविड-19 के नए वैरियंट के बढ़ते जोखिम को देखते हुए अभी अर्थव्यवस्था को और समय चाहिए। सुधारों ने रफ्तार पकड़ी है, लेकिन कर्ज की ब्याज दरें और पूंजी का स्तर बनाए रखने की जरूरत है। 8 दिसंबर को आने वाले फैसलों में रिवर्स रेपो रेट बनाए रखना होगा, ताकि बाजार की पूंजी जरूरत को पूरा किया जा सके। नवंबर में अतिरिक्त तरलता 7.6 लाख करोड़ बनी रही। रेपो रेट नीचे होने से एक दिन की जमाओं का स्तर 3.4 लाख करोड़ से घटकर 2.6 लाख करोड़ हो गया है। इसे फरवरी तक नीचे ही बनाए रखने की जरूरत है। कोटक इकोनॉमिक रिसर्च ने भी रिवर्स रेपो रेट फरवरी में और रेपो रेट सितंबर के बाद बढ़ाने का सुझाव दिया है।