New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बंगले की मरम्मत को छिपाने के लिए ‘आप’ दिल्ली सेवा अध्यादेश का स्थान लेने वाले विधेयक का विरोध कर रही है। अमित शाह ने दिल्ली अध्यादेश पर कहा कि ‘वर्ष 2015 में, एक पार्टी दिल्ली में सत्ता में आई, जिसका एकमात्र उद्देश्य सेवा करना नहीं, बल्कि लड़ना था… उनकी समस्या ट्रांसफर-पोस्टिंग करने का अधिकार प्राप्त करना नहीं है, बल्कि अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सतर्कता विभाग पर नियंत्रण प्राप्त करना है, जैसे कि अपने बंगले निर्माण करना।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ ‘आप’ की लड़ाई का समर्थन करने के लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष गठबंधन की खातिर खर्च किए जा रहे इस करोड़ों रुपए का समर्थन करने के लिए मजबूर है। मैं विपक्ष से गठबंधन के बारे में भूल जाने का अनुरोध करता हूं क्योंकि नरेंद्र मोदी की जीत निश्चित है।
आपको बता दें कि शाह केजरीवाल के बंगले के नवीनीकरण का जिक्र कर रहे थे, जिससे ‘आप’ और भाजपा के बीच बड़े पैमाने पर राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई थी। भाजपा ने ऐसे वक्त में दिल्ली के मुख्यमंत्री पर अपने बंगले को ‘सुंदर बनाने’ के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगाया था, जब राजधानी कोविड-19 से जूझ रही थी।
दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने उपराज्यपाल को एक ‘तथ्यात्मक रिपोर्ट’ में कहा था कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर कुल 52.71 करोड़ रुपये की लागत आई। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें से ₹33.49 करोड़ घर के निर्माण पर और ₹19.22 करोड़ मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए।
सदन में ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय द्वारा पेश किया गया था। पारित होने के बाद यह विधेयक दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। यह विधेयक कानून बनने के बाद उपराज्यपाल को यह अधिकार प्रदान करेगा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती में अंतिम निर्णय उनका ही होगा। कैबिनेट ने 25 जुलाई को इस विधेयक को मंजूरी दी थी। विधेयक को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र के बीच तनातनी है।