Cabinet meeting updates: आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लगभग 32,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने मंजूरी दे दी है। जिसकी कुल लागत 32500 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पूरी तरह से केंद्र की ओर से वित्तपोषित ये परियोजनाएं मौजूदा लाइन क्षमता को बढ़ाने, भीड़भाड़ को कम करने में मदद करेंगी।
जानकारी के मुताबिक, इस योजना में कुल नौ प्रदेशों को लाभ होगा, जिसमें यूपी, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों में फैला 2339 किमी लंबा भारतीय रेलवे नेटवर्क शामिल होगा। इसमें राज्यों के लोगों को अनुमानित 7.06 करोड़ मानव दिवस का रोजगार प्रदान होगा। परियोजनाओं में गोरखपुर-कैंट-वाल्मीकि नगर के बीच दोहरीकरण, सोन नगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट, नेरगुंडी-बारंग और खुर्दा रोड-विजयनगरम के बीच तीसरी लाइन और मुदखेड-मेडचल और महबूबनगर-धोन के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण, गुंटूर-बीबीनगर के बीच, चोपन-चुनार के बीच मौजूदा लाइन का दोहरीकरण और सामाखियाली-गांधीधाम के बीच चार ट्रैक बिछाने का काम शामिल है। इनके अलावा हरियाणा के 16 स्टेशनों का कायाकल्प भी इस योजना में शामिल है, जिसपर 608 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
चुनाव से पहले स्लीपर वंदे भारत ट्रेन लाने की तैयारी में मोदी सरकार
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले चर्चित वंदे भारत ट्रेन के दो नए वर्जन वंदे स्लीपर और वंदे मेट्रो लाने की तैयारी में है। सूत्रों से पता चला है कि वंदे भारत ट्रेन के दो नए वर्जन वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर के लिए चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री डिजाइन तैयार करने में जुटी है। बताया जा रहा है कि यह काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। सरकार की योजना मार्च 2024 तक दोनों वर्जन को लाने की है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल मार्च महीने तक दोनों वर्जन की कम से कम आधा दर्जन ट्रेन तैयार हो जाएंगी। वंदे भारत की बढ़ती लोकप्रियता के बीच लंबी दूरी के लिए वंदे स्लीपर ट्रेन की मांग होने लगी थी।
1200 स्टार्टअप को मिलेगा समर्थन
माना जा रहा है कि ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत 14,903 करोड़ रुपये से 6.25 लाख आईटी पेशेवरों के कौशल को निखारा जाएगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रिमंडल में डिजिटल इंडिया को दिए गए विस्तार में 12 करोड़ कॉलेज छात्रों के लिए साइबर-जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में उपकरणों के विकास और राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र के साथ 200 से अधिक साइटों के एकीकरण सहित नई पहल शुरू होगी। एआई-सक्षम बहु-भाषा अनुवाद उपकरण भाषिनी अब आठवीं अनुसूची की सभी 22 भाषाओं में शुरू किया जाएगा। अभी यह 10 भाषाओं में उपलब्ध है। विस्तार के तहत 1,787 शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। डिजीलॉकर के तहत डिजिटल दस्तावेज सत्यापन सुविधा अब एमएसएमई और अन्य संगठनों के लिए उपलब्ध होगी। टियर 2/3 शहरों में 1,200 स्टार्टअप को समर्थन दिया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य, कृषि और टिकाऊ शहरों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता के 3 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
पारिस्थितिकी तंत्र होगा मजबूत
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का विस्तार हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा और हमारे आईटी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा।