Delhi: दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में मकानों को गिराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. 40 काकर्ताओं ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कि उन्हें तुरंत घर खाली करने के लिए कहा गया और उनकी सुनवाई नहीं की गई इसलिए मामले को लिस्ट किया जाए.
ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
मुख्य न्यायाधीश रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने शुरू में वकील से कहा कि वह नगर निगम अधिकारियों की ओर से जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं. सीजेआई गवई ने याचिकाकर्ता से कहा, ‘हाईकोर्ट जाइए.’
याचिकाकर्ताओं ने दी जानकारी
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया है कि वह खसरा नंबर 271 और 279 में रहते हैं. उनके निर्माण बहुत पुराने हैं. उनके पास सभी वैध दस्तावेज भी हैं. उनकी कॉलोनी 2019 की पीएम उदय (प्रधानमंत्री अनऑथोराइज्ड कॉलोनीज इन दिल्ली आवास अधिकार योजना) के तहत नियमित किए जाने के योग्य है. 2008 में दिल्ली सरकार कॉलोनी को प्रोविजिनल रेग्युलराइजेशन सर्टिफिकेट भी दे चुकी है.
सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का हवाला
हाल ही में, अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण का हवाला देते हुए दिल्ली के ओखला के जामिया नगर इलाके में कई घरों को ध्वस्त करने के नोटिस जारी किए हैं. संबंधित संपत्तियों पर चिपकाए गए 22 मई के नोटिस में कहा गया है, ‘सभी को सूचित किया जाता है कि उत्तर प्रदेश के सिंचाई नियंत्रण विभाग से संबंधित ओखला, खिजरबाबा कॉलोनी में अतिक्रमण किया गया है. इस भूमि पर बने मकान और दुकानें अवैध हैं और इन्हें अगले 15 दिन में हटा दिया जाएगा.’ 8 मई के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया है,
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