दिल्ली में 36 लाख रुपये का साइबर घोटाला, पूर्व कर्मचारियों और डिस्ट्रीब्यूटर ने मिलकर की थी धोखाधड़ी

DELHI NEWS: दिल्ली की साइबर पुलिस ने जेनिथ लीजर हॉलिडेज लिमिटेड के साथ 36 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. कंपनी के दो पूर्व कर्मचारियों और एक रजिस्टर्ड डिस्ट्रीब्यूटर ने मिलकर कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए यह धोखाधड़ी की थी.

पुलिस ने जिन लोगों को अरेस्ट किया है, उनकी पहचान सौरभ जैन, संजय शर्मा और चंद्रकांत के तौर पर हुई है. पुलिस की साइबर सेल में कंपनी के जरिए दर्ज FIR के मुताबिक, 28 मई 2024 को कंपनी के डिजिटल वॉलेट प्लेटफॉर्म पर बिना किसी बैंक ट्रांजेक्शन के 36 लाख रुपये की फर्जी एंट्री की गई.

पुलिस जांच में अहम खुलासे

वॉलेट क्रेडिट केवल बैंक जमा की पुष्टि के बाद ही दिए जाते हैं, लेकिन इस मामले में सिस्टम को बायपास कर आंतरिक एडमिन-लेवल एक्सेस का दुरुपयोग किया गया. शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज जांच शुरू की गई थी.  डीसीपी निधिन वाल्सन ने बताया कि तकनीकी सर्विलांस के दौरान पता चला कि तीन फर्जी ट्रांजेक्शनों के माध्यम से 36 लाख रुपये एक रिटेलर आईडी में भेजे गए, जो कि सौरभ जैन नाम के नाम पर रजिस्टर्ड थी. 

वेतन बकाया होने की वहज बनी साइबर अपराध

साइबर फुटप्रिंट्स की तकनीकी जांच में धोखाधड़ी का रास्ता कंपनी के रजिस्टर्ड डिस्ट्रीब्यूटर सौरभ जैन तक पहुंचा. सौरभ ने पूछताछ में खुलासा किया कि पूर्व कर्मचारी संजय शर्मा और चंद्रकांत ने उसे मोटी रकम का लालच देकर इस ठगी में शामिल किया.आरोपियों ने कबूल किया कि वेतन बकाया होने के कारण वे कंपनी से नाराज थे और उन्होंने कंपनी के एडमिन पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच हासिल कर वॉलेट ट्रांजेक्शन किए. गिरफ्तार आरोपियों में सौरभ जैन (32), संजय शर्मा (45) और चंद्रकांत (32) शामिल हैं. पुलिस ने चार मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस, आईपी लॉग, ईमेल आईडी और अन्य सबूत बरामद किए हैं. पुलिस इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है.

दिल्ली पुलिस की जांच जारी

पुलिस अब इस पूरे साइबर घोटाले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह रकम कहां-कहां ट्रांसफर हुई और किसने इसका फायदा उठाया.

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