Konark Chakra: कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। यही चक्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अपनाया गया है और यह भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है।
आपको बता दें कि कोणार्क चक्र गतिशीलता का प्रतीक है, जो कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और परिवर्तन को दर्शाता है। समय का चक्र हमेशा घुमता रहता है, कभी एक अवस्था में नहीं रुकता। यह कोणार्क मंदिर में बनाया गया है जिसे सूर्य मंदिर भी कहा जाता है इसीलिए इस चक्र को सूर्य चक्र भी कहा जाता है। यह चक्र लोकतंत्र के पहिए को एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में प्रदर्शित करता है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौरतलब हो कि शनिवार को पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं और अंतराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। स्वागत के दौरान पीएम मोदी ने कोणाचक्र वाले बैकग्राउंड को फोटो सेशन के लिए चुना। जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीछे बने कोणाचक्र के बारे में जिज्ञासा जाहिर की तो पीएम मोदी ने इसके महत्व और खासियत के बारे में भी बताया। जिस बाइडन काफी ध्यान से सुनते दिखे।