। महागठ सुकेश चंद्रशेखर ने एक बार फिर पत्र में सीएम केजरीवाल और आप पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। बता दें कि इससे पहले भी सुकेश चंद्रशेखर दिल्ली सरकार पर आप पार्टी पर कई बार आरोप लगा चुका है। सुकेश ने पत्र में दावा किया केजरीवाल का साउथ ग्रुप के साथ कनेक्शन है। सुकेश ने दावा किया कि केजरीवाल के कहने पर ही TRS दफ्तर 15 करोड़ रुपये पहुंचाया था। उसके कहा कि उसके पास वह चैट मौजूद है जिसमे अरविंद केजरीवाल के कहने पर TRS दफ्तर में 15 करोड़ रुपये पहुंचाने की बात कही गई थी। जो चैट उसके पास मौजूद है, उसमें 15 करोड़ देने वाला आपका आदेश और उसे स्वीकार करने वाला टीआरएस नेता का बयान शामिल है। यह चैट केजरीवाल के साउथ ग्रुप के साथ नेक्सस भी स्पष्ट करती है
सुकेश ने दावा किया कि चैट में 15 करोड़ रुपये को 15 किलो घी कहकर संबोधित किया गया है, किसी को पता ना चले इसलिए कोड वर्ड में बात की गई। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल लंबे समय से टीआरएस और उनके नेताओं के संपर्क में हैं। सुकेश ने पत्र में कहा कि केजरीवाल और TRS के बीच कई मौको पर वित्तीय लेनदेन किया गया। चैट के स्क्रीनशॉट में साफ है कि किस तरह से TRS नेता ने 15 करोड़ अरुण पिल्लई को देने को कहा और उसने वह बॉक्स काले रंग की रेंज रोवर गाड़ी में रकह जिसपर MLC का स्टिकर लगा हुआ था। सुकेश ने दावा किया चैट में साफ है किस तरह आप पार्टी और TRS के नेताओं की आपस मे साठ गांठ थी और निजी स्तर और बिज़नेस लेवल पर लेनदेन करते थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुकेश चंद्रशेखर रोहिणी जेल से वसूली का रैकेट चला रहा था जेल से वसूली रैकेट चलाने में तीन जेल अधिकारी मदद कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार सुकेश ने प्रोटेक्शन मनी के रूप में करोड़ो रुपये जेल अधिकारियों को दिया। अधिकारियों के घूस के बदले सुकेश को जेल में सुविधाएं मिलती थी।
सूत्रों के मुताबिक, सुंदर बोरा को हर महीने 1.5 करोड़ रुपए और महेंद्र प्रसाद सुंदरीलाल को 25 लाख रुपए मिले थे। सुकेश चंद्रशेकर ने कथित तौर पर डीजी जेल को हर महीने करीब 2 करोड़ देने की बात कबूल की। सुकेश जेल से आईफोन 12 प्रो के ज़रिए वसूली करता था, यह फोन उसने पैरोल के दौरान चेन्नई से खरीदा था। जेल अधिकारियों ने सुकेश को एयरटेल सिम कार्ड मुहैया कराया था, जिससे वह जेल में इंटरनेट का इस्तेमाल करता था।
सूत्रों के अनुसार सुकेश चन्द्रशेखर जेल में टेलीग्राम और व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करता था। सुकेश को जेल में अलग बैरक में रखा गया था, कोरोना काल में भी उसको अलग बैरक में रखा गया था। उसने सेल में CCTV को पानी की बोतलों और पर्दों से ढक दिया था। मिली जानकारी के मुताबिक, सुकेश जेल में वकीलों से बात करने के लिए जेल अधीक्षक का ऑफिस इस्तेमाल करता था। वह धर्म सिंह मीणा दीपक से पैसे लेता था और उसको जेल अधिकारियों के बीच बांटता था। जेल अधिकारियों को पैसे बांटने के लिए धर्म सिंह मीणा को अलग से पैसे मिलते थे। महाठग सुकेश से मिलने वालों का पैसों का इस्तेमाल अधिकरी घरेलू खर्च, फ्लैट खरीदने और डाकघर बचत खाते में निवेश समेत अन्य जगहों पर निवेश करते थे।