Delhi News: हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की आबकारी घोटाला मामले में जमानत वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद अब सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आपको बता दें कि आबकारी घोटाला मामले में आरोपी दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। यहीं बताते चले कि सिसोदिया ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत खारिज की गई थी। वहीं आज हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया था।
वहीं सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिसोदिया के खिलाफ आरोप काफी गंभीर है और उनका व्यवहार भी सही नहीं रहा है। वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इनके पास 18 विभाग रहे हैं और वह पूर्व डिप्टी सीएम भी रह चुके है। ऐसे में गंभीर आरोप के चलते जमानत नहीं दी जा सकती है।
दिल्ली हाईकोर्ट में CBI ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया और जमानत याचिका रद्द करने की मांग की. CBI की तरफ से कहा गया कि यह एक सोची समझी साजिश के अंतर्गत किया गया। प्रॉफिट मार्जिन 5 से 12% करने को लेकर कोई नोट मौजूद नहीं है। इसपर कोई चर्चा नहीं है। कुछ भी नहीं है। फ़ाइल में ब्याज दरों में वृद्धि का कारण शामिल होना चाहिए। सीबीआई ने आगे कहा कि यह थोक विक्रेताओं को इतना लाभ क्यों दे रहे हैं? ताकि इसके बदले सिसोदिया को रिश्वत मिल सके। सीबीआई ने GOM की 22 मार्च की रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा कि बुचिबाबू की 20 मार्च की चैट से अगर इसका मिलान करें तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा, दोनों में सीधा सम्बंध है। सीबीआई ने कहा कि नीति का मसौदा वैसा ही तैयार किया गया जैसा साउथ ग्रुप चाहता था।