India China Border Latest News: चीन सीमा पर भारत द्वारा बनाई जा रही सुबनसिरी लोअर हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना का काम पूरा किया जा चुका है। बता दें कि सरकारी कंपनी नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड जुलाई से इसकी पहली यूनिट का परीक्षण शुरू करेगी और इस वर्ष दिसंबर से इसे ग्रिड से भी जोड़ना शुरू किया जाएगा। ऊर्जा परिवर्तन में भारत का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।
2003 में शुरू हुई थी 2-गीगावाट परियोजना
एनएचपीसी के वित्त निदेशक राजेंद्र प्रसाद गोयल के मुताबिक, पहली यूनिट इस साल के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। वहीं इस बीच दिसंबर 2024 तक सभी आठ यूनिट प्रारंभ कर दिया जाएगा। बता दें कि 2-गीगावाट परियोजना 2003 में शुरू हुई थी। हांलाकि विरोध और मुकदमों के कारण इसमें देरी हुई। भारत में, विद्युत ग्रिड को संतुलित करने के लिए जलविद्युत महत्वपूर्ण है। क्योंकि सौर और पवन ऊर्जा का रुक-रुक कर उत्पादन बढ़ता है।
2,000 मेगावाट की मिलेगी बिजली
जानकारी के मुताबिक, असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच फैली इस परियोजना से देश को कुल 2,000 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसकी कुल 8 इकाइयां हैं, जिनमें प्रत्येक की क्षमता 250 मेगावाट है। एनएचपीसी के वित्त निदेशक राजेंद्र प्रसाद गोयन ने कहा कि योजना की सभी आठ यूनिट्स को दिसंबर 2024 तक संचालन योग्य बना दिया जाएगा।
सरकार ने बड़े बांधो को स्वच्छ ऊर्जा का दर्जा दिया है।
बड़े बांध भारत में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक तरीका हैं, मुख्यतौर पर चीन और पाकिस्तान की सीमाओं में जहां आमतौर पर स्थिति तनावपूर्ण होती है। कथित तौर पर हाइड्रोपावर को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने बड़े बांधों को स्वच्छ ऊर्जा का दर्जा दिया है। रिपोर्टों की माने तो सरकार ने सिविल निर्माण और बाढ़ नियंत्रण कार्य पर कुछ मामलों के लिए बजटीय सहायता पर सहमति व्यक्त की है।