Delhi News: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सरकार और विपक्ष में बीते कई दिनों से वार पलटवार जारी है। वहीं नए संसद को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। जिसकी सुनवाई आज होनी है। विपक्ष ने इस याचिका में शीर्ष अदालत से नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने का निर्देश लोकसभा सचिवालय को देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र को ये निर्देश दे कि नए संसद भवन का 28 मई को उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा किया जाना चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया है, “लोकसभा सचिवालय ने उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके संविधान का उल्लंघन किया है।”
आपको बता दें कि विपक्ष नए संसद भवन के उद्घाटन पर मोदी सरकार का विरोध कर रहा है कई ऐसे दल है जो इस कार्यक्रम के बहिष्कार की विपक्ष की मुहिम से किनारा कर लिए है। बसपा, जद-एस और तेलुगू देशम ने बीते दिन इस समारोह में शामिल होने का एलान किया। उन्होंने कहा कि यह जनहित का मुद्दा है, इसका बहिष्कार करना गलत है। एनडीए में भाजपा समेत 18 दलों के अलावा विपक्षी खेमे के सात दलों ने उद्घाटन समारोह में शिरकत करने की रजामंदी दी है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कांग्रेस, टीमसी समेत अन्य कई दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बहिष्कार कर रहें है। जबकि उन्का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के बिना भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय “राष्ट्रपति का अपमान करना है और संविधान का उल्लंघन भी है”।
बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार हो या कांग्रेस की बसपा ने हमेशा दल राजनीति से हट कर फैसला किया है।