New Delhi: संसद की स्थायी समितियों का पुनर्गठन हुआ है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने लोक सभा अध्यक्ष की सलाह से आठ विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समितियों (डीआरएससी) का पुनर्गठन किया हैं। संसद के ऊपरी सदन ने मंगलवार को कहा कि इसमें 31 सदस्यीय गृह पैनल में वरिष्ठ कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम की नियुक्ति भी शामिल है।
दरअसल, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा अध्यक्ष की सलाह से आठ समितियों का पुनर्गठन किया है। आपको बता दें, सभापति के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली संसदीय स्थायी समितियों में बदलाव किया गया है।
राज्यसभा के सभापति ने पी चिदंबरम को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में ऐसे समय में नियुक्त किया है, जब पैनल तीन प्रस्तावित विधेयकों पर चर्चा कर रहा है। बता दें, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारती नागरिक सुरक्षा सहिंता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम यह ऐसे तीन विधेयक हैं, जिनका उद्देश्य आपराधिक न्याय कानूनों को बदलना है।
इन विधेयकों को 11 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किया था। बता दें, 24 विभाग संबंधी स्थायी समितियां अथवा डीआरएससी हैं। इनमें से प्रत्येक समिति में 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा से हैं। ऐसे में अब आठ डीआरएससी का पुनर्गठन किया गया हैं। पी चिदंबरम की नियुक्ति कांग्रेस के पी भट्टाचार्य की जगह हुई है। बता दें, भट्टाचार्य हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। पार्टी के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी पहले से ही भाजपा सांसद बृज लाल की अध्यक्षता वाले गृह पैनल के सदस्य हैं। इसके अलावा, सभापति ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया है। इस बीच, छह प्रमुख संसदीय समितियों (गृह, आईटी, रक्षा, विदेश, वित्त और स्वास्थ्य) के अध्यक्ष भाजपा या उसके सहयोगी हैं।