UP: निजी इंजीनियरिंग संस्थानों के फीस में इजाफा, 10 फीसदी अधिक देना होगा शुल्क

Private Technical Institutes: देश के ज्‍यादातर युवा 12वीं की पढ़ाई मैथ्स से करने के बाद इंजीनियरिंग करने की चाह रखते है, और करते भी है। जिसके लिए जेईई मेन और एडवांस्ड की परीक्षा भी आयोजित की जाती है। वहीं, कई राज्यों की तरफ से राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग का भी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया जाता है। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर आई है। जिसमें कहा जा रहा है कि निजी तकनीकी संस्थानों से डिग्री और डिप्लोमा कर रहे छात्रों को इस बार ज्यादा फीस चुकानी पड़ सकती है। प्रदेश भर के निजी संस्थानों में शुल्क निर्धारण करने वाली प्रवेश और फीस नियमन समिति ने फीस में दस फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है।

मिजी जानकारी के मुताबिक, तकनीकी के क्षेत्र में कोर्सों के हिसाब से फीस तय की गई है। हालांकि, इस संबंध में घोषणा छह जुलाई को लखनऊ में होने वाली बैठक में की जाएगी। इससे निजी संस्‍थानों में तकनीकी की पढ़ाई कर रहे करीब चार लाख छात्रों को ज्यादा शुल्क देना होगा। वहीं, सरकारी संस्थाओं में डिप्लोमा कर रहे दो लाख छात्रों की फीस में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है।

33600 रुपये पॉलिटेक्निक की सलाना फीस
फीस नियमन समिति की नई सूची के अनुसार, इस बार निजी पॉलिटेक्निकों से इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने के लिए छात्रों को प्रति वर्ष 33600 रुपये फीस देनी पड़ेगी। अभी इसके लिए उन्हें 30150 रुपये फीस जमा करनी पड़ती है। तीन साल के डिप्लोमा के लिए 3450 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से 10350 रुपये और ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। इसी तीन साल के डिप्लोमा के लिए सरकारी पॉलिटेक्निकों के छात्रों को प्रति वर्ष केवल 12670 रुपये के हिसाब से 38010 रुपये चुकाने पड़ते हैं।

 

61200 रुपये होगी बीटेक की सलाना फीस
प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश में 149 सरकारी पॉलिटेक्निक, 19 सहायता प्राप्त और 1266 निजी संस्थान हैं। इनमें कुल 2,35,464 सीटें हैं। सरकारी संस्थाओं में 59,028 और निजी में 1,76,434 सीटें हैं। निजी क्षेत्र के इंजीनियरिंग कॉलेजों से बीटेक करने के इच्छुक छात्रों को इस बार 61,200 रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ेगी। बीफार्मा के लिए 70,500 व बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के लिए 64300 रुपये शुल्क देना होगा।
डीफार्मा और डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर के लिए सालाना क्रमश: 50,100 और 33700 रुपये जमा करने होंगे। डिप्लोमा ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी की फीस 34,800 हो जाएगी। डीफार्मा को छोड़कर दो वर्षीय व एक वर्षीय सभी पाठ्यक्रमों का शुल्क 25000 रुपये रहेगा। वहीं, सहायता प्राप्त डिप्लोमा स्तरीय तकनीकी संस्थानों में चल रहे पाठ्यक्रमों की फीस 19000 रुपये होगी।

इन पाठ्यक्रमों के फीस में भी इजाफा

आपको बता दें कि इस बार बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स और बैचलर ऑफ फैशन एंड अपैरल डिजाइनिंग के छात्रों को 94,900 रुपये, बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के छात्रों को 77,900 रुपये देने होंगे। एमबीए के लिए 66,500 व एमसीए के लिए 61,200 रुपये फीस निर्धारित की गई है। एम फार्मा के लिए 76,500 और मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर के लिए 64 हजार रुपये जमा करने होंगे।

सरकारी पॉलिटेक्निकों में इस बार फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। छात्रों को प्रतिवर्ष 12670 रुपये ही फीस जमा करनी होगी। -केराम, निदेशक, प्राविधिक शिक्षा
प्रवेश और फीस नियमन समिति के सेचिव राजेश चंद्रा के दवारा बताया गया कि पाठ्यक्रमों के मुताबिक फीस निर्धारित की गई है। समिति की बैठक छह जुलाई को होनी है। इसमें फीस की घोषणा की जाएगी। घटने या बढ़ने के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

 

 

 

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