रोचक जानकारी। 20 जुलाई 1969 ऐसा दिन था, जब पूरी दुनिया जगी हुई थी। हर कोई टीवी और रेडियो पर रोमांच के साथ एक अनहोनी को होते हुए सुन रहा था। इसी दिन अमेरिका के दो अंतरिक्षयात्रियों के कदम पहली बार चांद पर पड़े थे। अंतरिक्ष यान अपोलो-11 इन यात्रियों को लेकर चांद पर पहुंचा था।
फिर 04 दिन बाद ये यान वापस धरती पर लौट आय़ा। उस घटना को लेकर आज भी तमाम बातें कहीं जाती हैं। जब नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन वहां उतरे तो उन्हें वहां की मिट्टी से कैसी गंध आई, उनके पहले शब्द वहां क्या थे, वो वहां कितने घंटे तक रहे, यही नहीं वापस आते समय उन्होंने 100 से ऊपर सामान ही वहां छोड़ दिया।
मिशन से जुड़ी दिलचस्प बातें:-
जो अमेरिकी झंडा नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चांद की सतह पर गाड़ा था, वो कुछ ही देर में गिर गया। क्योंकि वहां की कठिन परिस्थितियों में उसका टिकना मुश्किल था।
जब नील ऑर्मस्ट्रॉन्ग और बज़ एल्ड्रिन चांद की जमीन पर उतरे तो उन्होंने सबसे पहले जो खाया, वो था कम्युनियन वेफर।
तीन लोगों की बनी थी टीम:-
‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, अपोलो-11 अंतरिक्ष यान 53 साल पहले 20 जुलाई 1969 को चांद पर उतरा था। अंतरिक्ष यात्रियों की टीम तीन लोगों से बनी थी। इनमें मिशन कमांडर नील आर्मस्ट्रांग, चंद्र मॉड्यूल पायलट एडविन ‘बज़’ एल्ड्रिन और कमांड मॉड्यूल पायलट माइकल कॉलिन्स शामिल थे।
चांद की जमीन पर नहीं उतरे माइकल:-
नील चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान थे, उसके बाद बज थे। माइकल को वास्तव में कभी भी चंद्रमा पर चलने के लिए नहीं मिला, बल्कि अपने सहयोगियों के मिशन को पूरा करने की प्रतीक्षा करते हुए चंद्रमा के चारों ओर अकेले उड़ान भरी थी।
ये थे पहले बोले गए शब्द :-
चांद पर पहुंचने के बाद जो शब्द सबसे पहले बोले गए वो बाद में पूरी दुनिया में खासे लोकप्रिय हुए। पहले दो शब्द बज़ एल्ड्रिन ने बोले जो थे, ‘कॉन्टैक्ट लाइट’। चांद की सतह से वापस अपने विमान ईगल पर वापस आने के बाद उनके स्पेस सूट में चांद की धरती की मिट्टी थी। उन्होंने 2009 में याद साझा करते हुए बताया कि मिट्टी से एक अलग तरह की स्मैल आ रही थी। जो गन पाउडर जैसी थी, जैसे आतिशबाजी के बाद आती है।