Operation Shield : भारत सरकार ने पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आज प्रस्तावित ‘सिविल डिफेंस एक्सरसाइज’ को स्थगित कर दिया है। राजस्थान, गुजरात के साथ कई राज्यों के जम्मू-कश्मीर की सरकारों का कहना है कि यह मॉक ड्रिल प्रशासनिक कारणों से स्थगित हुई है। अभ्यास की अगली तारीख बाद में घोषित की जाएगी।
नागरिक सुरक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण खामियां
प्राप्त जानकारी के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सुरक्षा निदेशालय ने इन अभ्यासों के बाद देश के संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा तैयारियों में कुछ पेकार की खामियां पाई थीं। मंत्रालय ने राज्यों के खामियों को दूर करने के लिए 9 मई को निर्देश भी जारी किए थे।
सबसे पहले राजस्थान से मिली मॉक ड्रिल की सूचना
बता दें कि पाकिस्तान के सटे कुछ राज्यों को जैसे- गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में लोगों से सतर्क रहने को कहा गया। जानकारी के मुताबिक, मौजूदा अभ्यास पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में कराने का फैसला किया गया है। इस दौरान पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के बाद भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर के पहले पूरे देश में 7 मई को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। केंद्र सरकार के आदेशानुसार पाकिस्तान की सीमा से लगे जिलों में गुरुवार 29 मई को मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। इस दौरान पाकिस्तान ने हद पार कर दी और अगले चार दिनों तक पश्चिमी मोर्चे पर ड्रोन और मिसाइल हमले की भी कोशिश की। पाकिस्तान ने आबादी वाले इलाकों, स्कूल और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया था। लेकिन भारतीय सेना ने उन्हे नाकाम कर दिया।
क्या होता है मॉक ड्रिल में
मॉक ड्रिल के दौरान अभ्यास में अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाते हैं। दुश्मन हमारे महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें इसलिए मॉक ड्रिल का अभ्यास किया जाता है। ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास किया जाता है।
मॉक ड्रिल में लोंगों को करना होगा
मॉक ड्रिल के दौरान निर्देशों का पालन करना होगा और सायरन बजने पर प्रशासन द्वारा दिए गए सुझाव से सुरक्षित जगहों पर जाने की तैयारी करना है। वहीं ब्लैकआउट की स्थिति में घर में रहना और घरों की लाइट बंद करना मॉक ड्रिल में शामिल है।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या शामिल?
हमले का सायरन
मॉक ड्रिल के अंतर्गत हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए सायरन बजेगा। इसका मतलब है कि आस-पास में कहीं पर रॉकेट या मिसाइल से हमला होने वाला है और सभी नागरिक तुरंत सरकार की तरफ से चिन्हित सुरक्षित जगह पर चलें जाएं।
नागरिकों को ट्रेनिंग
आम नागरिक और स्कूली छात्रों के लिए कई जगहों पर ट्रेनिंग की जाएगी, ट्रेंनिग के दौरान बताया जाएगा कि, हमले की स्थिति में आपको क्या करना है और अपने आस-पास के लोगों की कैसे मदद करनी है। लोगों को घबराहट से बचाना और प्राथमिक चिकित्सा भी देना शामिल है।
ब्लैकआउट
देश में अचानक बिजली कटने के बाद की स्थिति के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी और बिजली से चलने वाले कई उपकरण बंद कर दिए जाएंगे, जिससे दुश्मन के हवाई हमले से बचने में अहम मदद मिलेगी।
छिपने और जोखिम भरे क्षेत्र से निकलना
बता दें कि अहम सामानों और जगहों को छिपाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे ये सभी दुश्मन के सैटेलाइट या हवाई निगरानी के दौरान आसानी से दिखाई न पड़े। हवाई हमले के दौरान जोखिम भरे क्षेत्रों से निकलना और लोगों को निकालने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
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