Operation Sindoor: देश में सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर आज संसदीय समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान आतंकवाद को लेकर सरकार ने अपनी रणनीति साझा की, जिसमें सरकार ने कूटनीतिक पहल और अन्य कोशिशों की पूरी जानकारी दी। इस दौरान सरकार ने संसद की सलाहकार समिति के साथ बैठक में कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद केन्द्र के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जानकारी के मुताबिक, इससे पाकिस्तानी सेना के मनोबल पर चोट लगी है क्योंकि वह आतंकी शिविरों की रक्षा नहीं कर सकी।
विदेश मंत्री के कथित सूचना देने पर सरकार का जवाब
सूचना के अनुसार, सरकार ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिला है। लेकिन वहीं पाकिस्तान को तीन देशों को छोड़कर- तुर्किये, अजरबैजान और चीन को छोड़कर किसी का भी समर्थन नहीं मिला। जानकारी देते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि ‘भारत और पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर के अलावा किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं हुई, जोकि वह भी हमलों के बाद ही हुई थी। इस दौरान विदेश मंत्री ने कांग्रेस द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को बेईमानी और घटनाओं का गलत चित्रण बताया।’
सिंधु जल समझौते पर सरकार का बयान
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर सिंधु जल समझौते पर संसदीय समिति ने सरकार से सवाल किया कि क्या वह सिंधु जल समझौते का स्थगन बरकरार रखेगी या सिर्फ सरकार ने प्रतीकात्मक तौर पर यह कदम उठाया है। इस दौरान सरकार ने बताया कि फिलहाल सिंधु जल समझौता स्थगित है और भविष्य में जो भी कदम उठाया जाएगा, उसके बारे में संसद को जानकारी दे दी जाएगी।
ट्रंप के दावे पर सरकार ने उठाया सवाल
हम आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने संसदीय समिति से जुड़े रहने की अपील की और कहा कि इसी के तहत सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों के दौरे पर भेजे गए हैं। इस बैठक में सांसदों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को लेकर सवाल किया, उन सवालों पर सरकार ने बताया कि अमेरिका और अन्य देशों ने भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत की सलाह दी थी, लेकिन उन्हें साफ शब्दों में बता दिया गया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकतीं।
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