नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस मामले में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई विशेषज्ञों की समिति का पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोर्ट की समिति को जांच पूरी करने के लिए सभी सुविधा और जानकारियां उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारा रुख बिल्कुल साफ है। इसलिए हमें इस बात की चिंता नहीं करनी है कि इस रिपोर्ट में क्या आने जा रहा है। पेगासस की खरीद से जुड़े सवाल के जवाब में वैष्णव ने कहा कि मैंने संसद में बिल्कुल स्पष्ट कहा था कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह कानून के दायरे में है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्मों ने लोगों को स्वयं को खुलकर अभिव्यक्त करने का मौका दिया है। हालांकि, निजता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच एक संतुलन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं कहूंगा कि हमारी नीति में हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ाव होगा और हमारी जरूरतों व वास्तविकताएं केंद्र में होंगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरवी रवींद्रन को विशेषज्ञ समिति की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। शीर्ष अदालत द्वारा डॉ. नवीन कुमार चौधरी (प्रोफेसर, साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक और डीन, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर), डॉ. प्रभारन पी (प्रोफेसर (इंजीनियरिंग स्कूल, अमृता विश्व विद्यापीठम, अमृतापुरी, केरल) और डॉ. अश्विन अनिल गुमस्ते (एसोसिएट प्रोफेसर कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, आएआईटी बॉम्बे) को समिति का सदस्य नामित किया गया था।