अहमदाबाद। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच चलेगी। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना जरदोष भी उपस्थित रहे।
वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर चली थी। वहीं, दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, कटरा रूट पर चलाई गई थी। तीसरी वंदे भारत ट्रेन पहले की वंदे भारत ट्रेनों से अलग होगी। इस नई ट्रेन में यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं। नई ट्रेन में कोविड को लेकर भी खास इंतजाम किए गए हैं।
गुजरात में चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार KAVACH (Train Collision Avoidance System) तकनीक को लॉन्च किया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से दो ट्रेनों की आमने-सामने से होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।
इस तकनीक को देश में ही विकसित किया गया है जिसके कारण इसकी लागत काफी कम है। केन्द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट में 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में एलान किया गया था।
खास है वंदे भारत ट्रेन:-
स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड के नाम से प्रसिद्ध यह ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति मात्र 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती है। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ-साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी लगे हुए हैं। एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम, और कंट्रोल सेन्टर व मेन्टेनेन्स स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचालय, और सामान्य यात्रियों के लिए टच-फ्री एमिनिटीस वाले बायो वैक्यूम टॉयलेट्स की व्यवस्था की गई है। दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए सीटों में ब्रेल लिपि के साथ सीट संख्या उकेरी गई है ताकि ऐसे यात्री अपनी सीटों तक आसानी से पहुंच सकें।
आधुनिक तकनीक की बात करें तो इस ट्रेन में बेहतर ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन के लिए लेवल-II सेफ्टी इंटीग्रेशन सर्टिफिकेशन, कोच के बाहर रियर व्यू कैमरों सहित चार प्लेटफार्म साइड कैमरे, सभी कोचों में एस्पिरेशन आधारित फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम और इलेक्ट्रिकल क्यूबिकल्स और शौचालयों में एरोसोल आधारित फायर डिटेक्शन एंड सप्रेस सिस्टम जैसे बेहतर अग्निशमन सुरक्षा उपाय किए गए हैं।