नई दिल्ली। गुरुवार को सिडनी डायलॉग के दौरान संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों को आगाह करते हुए कहा कि हमें मिलकर इस बात पर ध्यान देना होगा कि यह डिजिटल मुद्रा गलत हाथों में न चली जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर मिलकर काम करने का आग्रह किया। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिडनी डायलॉग को संबोधित किया। पीएम मोदी ने बिटक्वाइन का उदाहरण देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे तकनीकी नवाचारों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा कहीं गलत हाथों में न चली जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है। प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख साधन बन गई है और भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोर-शोर से विचार-विमर्श चल रहा है। एक तरफ जहां आरबीआई गवर्नर ने इसे एक बड़ा खतरा करार दिया है, तो दूसरी ओर हाल ही में संसदीय पैनल की बैठक के दौरान कहा चर्चा में कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है और अगला कदम इसे विनियमित करने के तरीके खोजने का होना चाहिए।