नई दिल्ली। 2 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ नौसेना को सौपेंगे। पीएम मोदी कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के अंदर एक विशेष व्यवस्थित जगह पर भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर पोत को शामिल करेंगे, जिसने 20000 करोड़ रुपये में युद्धपोत का निर्माण किया है।
आधिकारिक सूत्रों के जानकारी के अनुसार, पिछले महीने समुद्री परीक्षण के चौथे और अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को सीएसएल से पोत की डिलीवरी ली थी।
लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए तैयार :-
लड़ाकू विमानों को विमान वाहक पोत के लिए लाया गया है। यह मिग-29 के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर और एमएच-60R बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर का संचालन करने के लिए तैयार है। ‘विक्रांत’ की आपूर्ति के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी रूप से विमानवाहक पोत के डिजाइन और निर्माण की क्षमता है।
भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (DND) द्वारा डिजाइन किया गए और सीएसएल द्वारा निर्मित इस पोत का नाम उसके शानदार पूर्ववर्ती भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।
इसमें 2300 से अधिक कंपार्टमेंट हैं, जिन्हें लगभग 1700 लोगों के दल के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें विशेष केबिन भी शामिल हैं जो महिला अधिकारियों को समायोजित करने के लिए है। विक्रांत की शीर्ष गति लगभग 28 समुद्री मील है। आईएसी 262 मीटर लंबा, 62 मीटर चौड़ा और 59 मीटर ऊंचा है।