नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए ‘एकजुट विपक्ष’ के विचार पर कटाक्ष किया। अमित शाह ने कहा कि ये सारी बातें सिर्फ टीआरपी बढ़ाती हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन 2019 से अधिक सीटों के साथ 2024 में वापसी करेगी। तथा उन्होंने से भी कहा, ‘चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस- मान लीजिए कि ये चारों मोदी बनाम रेस्ट फॉर्मूले के तहत एक साथ आते हैं। यदि चंद्रशेखर राव यूपी में जनसभा करते हैं तो क्या फर्क पड़ेगा? अगर ममता बनर्जी तेलंगाना में रैली करती हैं, तो क्या इससे कोई फर्क पड़ेगा? या अगर (अखिलेश) यादव साहब बंगाल में सभा करते हैं, तो क्या फर्क पड़ेगा?’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे यह भी कहा कि ये दल और नेता केवल अपने राज्यों में बीजेपी से लड़ रहे हैं। ‘इस एकता का कोई अर्थ नहीं है। वे एक-दूसरे को नेता नहीं मानते हैं और एक-दूसरे के लिए एक सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं।यदि चलिए मैं मान भी लू की टीआरएस 5 सीटें ममता जी को तेलंगाना में दे दे तो कोई लड़ाई हुई। समाजवादी पार्टी भी वहां दे दे और ममता जी बंगाल में दोनों को 5-5 सीटें दे दें, तब तो एक हुए। लेकिन सब अपनी-अपनी लड़ाई बीजेपी के सामने लड़ेंगे और कहेंगे हम सब एक हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘जब पिछली बार मैंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में हमारी सीटों की संख्या बढ़ेगी, तो कोई सहमत नहीं हुआ, जबकि हमने किया। हमने ओडिशा और तेलंगाना में भी अपना टैली बढ़ाया। हमारी पार्टी जमीन पर काम करती है और पीएम मोदी की आभा भारत के आखिरी गांव से लेकर राजधानी दिल्ली तक फैल गई है।’ दक्षिणी राज्यों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने माना कि तमिलनाडु में बीजेपी का संगठन कमजोर है। उन्होंने कहा ‘हमने कई गांवों और बूथों में काम किया है। जहां हम कमजोर हैं, वहां हमारे सहयोगी हैं।’