Deepfakes: डीपफेक को पीएम मोदी ने बताया चिंताजनक, बचाव के लिए मीडिया से की अपील

PM On Deepfakes: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने खासतौर पर AI के माध्यम से ‘डीपफेक’ तैयार करने को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया को इस संकट को लेकर लोगों को आगाह करना चाहिए. उन्होंने इससे बचाव के लिए अपील की.

बता दें कि पार्टी मुख्यालय में पीएम मोदी ने भाजपा के दिवाली मिलन कार्यक्रम में पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि वे भारत को विकसित भारत बनाने की आकांक्षा रखते हैं और वह यह सिर्फ कह कर नहीं, बल्कि जमीन पर उतारकर दिखाना चाहते हैं. कहा कि ये केवल शब्द नहीं बल्कि जमीनी हकीकत है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके वोकल फॉर लोकल के आह्वान को लोगों का समर्थन मिला है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान भारत की उपलब्धियों ने लोगों में आत्मविश्वास पैदा किया है और अब हमारा देश रुकने वाला नहीं है. छठ पूजा अब राष्ट्रीय पर्व बन चुका है और यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है.

क्या होता है डीपफेक?
इस टेक्नोकलॉजी के जरिए वीडियो और अन्य डिजिटल कंटेंट में चेहरों की अदला-बदली करने के लिए किया जाता है. इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है. डीप लर्निंग में कंप्यूटर को दो वीडियोज या फोटो दिए जाते हैं जिन्हें देखकर वह खुद ही दोनों फोटो या वीडियो को एक ही जैसा बनाता है. यह ठीक उसी तरह है जैसे बच्चा किसी चीज की नकल उतारता है. इस तरह के फोटो और वीडियोज में हिडेन लेयर्स होते हैं, जिन्हें सिर्फ एडिटिंग सॉफ्टवेयर से ही देख जा सकता है. एक लाइन में कहें तो डीपफेक, रियल इमेज-वीडियोज को बेहतर रियल फेक फोटो-वीडियोज में कनवर्ट करने की एक प्रक्रिया है. डीपफेक फोटो-वीडियोज फेक होते हुए भी बिल्कु ल रियल दिखाई देते है.

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