नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि राज्यों को उन ठेकेदारों को काली सूची में डालने में कोई नरमी नहीं दिखानी चाहिए जिनकी सार्वजनिक कार्यों में लापरवाही के चलते लोगों की जान चली गई हो।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने राज्यों से कहा कि ठेकेदारों को खामियों की गंभीरता के आधार पर ब्लैकलिस्ट करने की नीति बनाई जाए न कि इस तथ्य पर कि यह उनका पहला या दूसरा अपराध था।
पीठ ने कहा कि ब्लैकलिस्टिंग की अवधि पूरी तरह से अपराध की संख्या के आधार पर नहीं हो सकती है। चूक की गंभीरता, घटना की गंभीरता और ठेकेदार की ओर से चूक की गंभीरता आदि पर प्रासंगिक विचार होना चाहिए। पीठ ने यह टिप्पणी ओडिशा सरकार द्वारा मार्च और जून 2021 में उड़ीसा हाईकोर्ट के दो फैसलों को चुनौती देने वाली एक अपील का निपटारा करते हुए की।