नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर एक बार फिर ब्रेक लग गया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को आधार बताते हुए योजना को रोक दिया है। दिल्ली सरकार को याजना लागू करने की इजाजत नहीं दी है। इसके बाद आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर है। आप का आरोप है कि भाजपा और राशन माफियाओं के बीच साठगांठ के कारण केंद्र सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी पर रोक लगाई है। इससे पहले केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से दिल्ली सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत पात्र लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित करते समय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के मानदंडों और प्रावधानों का सही तरीके से पालन करना चाहिए। केंद्र सरकार ने कहा है कि इसके साथ यदि राज्य सरकार द्वारा एनएफएसए खाद्यान्न के तत्वों को मिलाए बिना अलग से योजना बनाई जाती है, तो इस विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी। केंद्र सरकार ने कहा है कि एनएफएसए एक्ट 2013 के सभी सांविधिक प्रावधान अनिवार्य है। होम डिलीवरी के लिए दिल्ली सरकार के साथ विचाराधीन प्रस्ताव एनएफएसए के मानदंडों को पूरा नहीं करता है और इसलिए भारत सरकार इसकी अनुमति नहीं देता है। इस पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस एक्ट को लेकर दिल्ली के राशन डीलरों का एसोसिएशन ने कोर्ट में दलील दी थी, उसे खारिज कर दिया था। आप विधायक सौरभ भारद्वाज के मुताबिक, कोर्ट का कहना था कि एनएफएसए ऐसी कोई बांधा खड़ी नहीं करता। भारद्वाज ने कहा कि अब जब केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को योजना को लागू करने से दोबारा मना किया है, तो केंद्र ने उसी एनएफएसए एक्ट की आड़ ली है। एक तरह से केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट के आदेश की अवमानना हो रही है। सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि भाजपा और राशन माफियाओं के बीच साठगांठ के कारण केंद्र सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी पर रोक लगाई है। राशन डीलरों ने एलजी को पत्र लिखकर डोरस्टेप डिलीवरी योजना को नामंजूर करने की अपील की थी, जिसकी कांपी केंद्र सरकार को भी भेजी गई थी। डीलरों की कांपी को ही आधार मानकर केंद्र सरकार ने योजना पर रोक लगा दी।