रिटर्न भरते समय करदाता इन बातों का रखें ध्यान…
नई दिल्ली। बैंकों से लिया कर्ज वैसे तो आपकी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए होता है, लेकिन आयकर नियमों के तहत कुछ खास परिस्थितियों में इस पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है। बैंकों से मिलने वाले सभी तरह के लोन पर टैक्स में छूट ली जा सकती है। क्लियरटैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता बताते हैं कि उच्च शिक्षा कर्ज पर चुकाए ब्याज पर आयकर की धारा 80ई के तहत टैक्स छूट का लाभ दिया जाता है। आईटीआर में डिडक्शन के लिए उसी साल से दावा कर सकते हैं, जब कर्ज पर ब्याज चुकाना शुरू किया है। इसके बाद लगातार सात साल या पूरा ब्याज चुकता होने (दोनों में जो पहले हो) तक इसका फायदा उठाया जा सकता है। यानी उच्च शिक्षा कर्ज के ब्याज पर अधिकतम आठ साल तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। आयकर विभाग इसका लाभ न सिर्फ खुद के लिए कर्ज पर देता है, बल्कि अपने संबंधी के लिए शिक्षा कर्ज पर भी टैक्स छूट देता है। हालांकि इसमें छूट के लिए ब्याज की अधिकतम सीमा तय नहीं है, लेकिन कर्ज के मूल पर रियायत नहीं दी जाती है। मकान खरीदने के लिए होम लोन पर चुकाए ब्याज और मूल दोनों पर ही आयकर रियायत का लाभ मिलता है। आयकर की धारा 24(बी) के तहत हर साल चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं। इसके अलावा कर्ज पर चुकाए गए ब्याज पर भी धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक रियायत मिलती है। कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये की कर छूट होम लोन पर ली जा सकती है।