नई दिल्ली। कोरोना महामारी का अंत न दिखता देख वैज्ञानिक अब दूसरी पीढ़ी की टीकों के निर्माण पर निगाह बनाए हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि अब नेजल स्प्रे और ओरल वर्जन (नाक और मुख से दी जाने वाली) वैक्सीन के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। डॉ. सौम्या ने कहा कि नाक और मुंह के टीकों का लाभ यह होगा कि लोग इसका इस्तेमाल खुद कर सकेंगे। मौजूदा कोरोना टीके को लगवाने के लिए लोगों को लंबी प्रक्रिया और इंजेक्शन के दर्द से नहीं गुजरना पड़ेगा। नई पीढ़ी के टीके जब बाजार में उपलब्ध होंगे तो कई अड़चनें खत्म हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि दूसरी पीढ़ी के 129 टीकों का क्लीनिकल ट्रायल लोगों पर चल रहा है। 194 टीकों का अभी लैबोरेटरी में परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि खास बात यह है कि ये टीके मौजूदा टीकों की तुलना में वायरस के खिलाफ लड़ाई में अधिक असरदार और सुरक्षित हो सकते हैं।