नई दिल्ली। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को बताया कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक कल होगी। मंत्रिस्तर की यह दूसरी बैठक होगी। यह बैठक राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र पर होगी। इसमें 40 प्रतिनिधिमंडलों के भाग लेने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि, “हम यह मानते हैं कि जापानी विदेश मंत्री अपनी घरेलू मजबूरियों के कारण नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन हम आने वाले जापानी प्रतिनिधिमंड से परामर्श, सक्रिय भागीदारी और समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं।” विदेश सचिव ने कहा, बैठक में रूस-यूक्रेन संघर्ष का विश्व पर आर्थिक प्रभाव और अन्य प्रभावों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा, यह किसी भी जी-20 अध्यक्ष द्वारा आयोजित विदेश मंत्रियों की सबसे बड़ी बैठक में से एक है। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश मंत्रियों की बैठक के दो सत्रों की अध्यक्षता करेंगे। पहला सत्र बहुपक्षवाद, खाद्य और ऊर्जा से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगा। दूसरे सत्र में आतंकवाद और नशीले पदार्थों का मुकाबला करने, नए उभरते खतरों सहित चार या पांच प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
अमृतसर सेक्टर में 25 दिसंबर, 2022 को मार गिराए गए ड्रोन के फोरेंसिक विश्लेषण से पता चलता है कि इसने इससे पहले 11 जून, 2022 को चीन के फेंग जियान जिले के साथ-साथ 24 सितंबर और 25 दिसंबर के बीच पाकिस्तान के खानेवाल क्षेत्र के भीतर 28 बार विभिन्न अन्य स्थानों पर उड़ान भरी थी।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रुख यह है कि ‘यह युद्ध का समय नहीं है’। बातचीत और कूटनीति आगे बढ़ने का रास्ता है। बैठक में विदेश मंत्रियों के एजेंडे पर चर्चा होनी है। स्थिति को देखते हुए रूस-यूक्रेन विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चर्चा का महत्वपूर्ण बिंदु होगा। विदेश मंत्री रूस-यूक्रेन की स्थिति पर फोकस करेंगे। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे (विभिन्न देशों के विदेश मंत्री) क्या लेकर आते हैं, क्या समझ विकसित होती है।