श्रीनगर। श्रीनगर में उच्च स्तरीय बैठक में बैक टू विलेज अभियान के चौथे चरण की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करना केवल सुरक्षा बलों व पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। प्रत्येक नागरिक एवं हितधारक की जिम्मेदारी है कि वह शांति स्थापना में अपनी भूमिका निभाए।
विकास प्रक्रिया और शांति स्थापना में लोगों, जन प्रतिनिधियों और सरकारी विभागों की भूमिका को दर्शाते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि पुलिस व सुरक्षा बलों की ही शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी नहीं है। प्रत्येक नागरिक और हितधारक के अलावा नागरिक प्रशासन की भी जिम्मेदारी है कि वह समाज के सभी वर्गों को विकास का फल मिले इसे सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा, बैक टू विलेज अभियान से लोगों को मौका मिलता है कि वह समाज विरोधी तत्वों के नापाक इरादों को नाकाम कर सकें। उन्होंने कहा, लोग अब मोहल्लों व गलियों में खुलकर सामने आ रहे हैं और हिंसा व नफरत फैलाने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में तेजी से हो रहे विकास व बदलावों से निहित स्वार्थी तत्व बौखला गए हैं।
सरकार घर तक पहुंचकर लोगों की समस्याओं का करेगी समाधान:-
एलजी मनोज सिन्हा ने बैक टू विलेज अभियान को जन भागीधारी और सतत विकास और जन जागरूकता का पर्व बताते हुए कहा कि प्रदेश के लोग विकास, खुशहाली और देश का बेहतर भविष्य चाहते हैं। बैक टू विलेज अभियान के चौथे चरण में 4500 गजटेड अधिकारियों समेत 25 हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की पंचायत स्तर पर तैनाती की गई है।
अभियान का मूल उद्देश्य है कि सरकार लोगों के घर पर पहुंचकर जन समस्याओं का हल करें और जन कल्याणकारी योजनाओं की लोगों को जानकारी दें ताकि लोग योजनाओं का पूरा लाभ उठा पाए। एलजी सिन्हा ने जिला उपायुक्तों व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैक टू विलेज अभियान में तय निर्देशावली पर अमलीजामा पहनाया जाए।
लोक कल्याण की भावना के साथ बैक टू विलेज कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह आम लोगों के हितों का ख्याल रखे और उन्हें खुशहाल बनने में मदद करे। अभियान में पंचायत स्तर पर तैनात किए गए अधिकारी लोगों व पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से संवाद कायम रखें और उनकी समस्याओं का हल करे।
एलजी सिन्हा ने कहा युवा, कौशल विकास, स्वरोजगार, पंचायती राज संस्थानों को मजबूत करना, नशा मुक्त पंचायत, सौ फीसदी कल्याणकारी योजनाओं पर कार्यान्वयन को केंद्र में रखकर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा स्वरोजगार और कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए युवाओं की पहचान की जाए और निजी व सरकारी बैंकों से उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने सूचना तकनीक विभाग को ऑनलाइन जुआ, साइबर अपराध और सुरक्षा की चुनौतियों पर युवाओं को जागरूक करने के निर्देश भी जारी किए। इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में मवेशियों में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी ली और ग्रामीण क्षेत्र में टीकाकरण गतिविधियों में तेज गति से आगे बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
65 हजार को स्वरोजगार, एक लाख को कौशल प्रशिक्षण:-
सूचना विभाग के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने इस अवसर पर बताया कि बैक टू विलेज अभियान में उम्मीद है कि 15 से 18 लाख लोग हिस्सेदार बनेंगे। विभिन्न सेवाओं के दो लाख सर्टिफिकेट अभियान के दौरान वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। एक लाख आयुष्मान गोल्डन कार्ड और दस लाख भूमि पासबुक वितरित की जाएगी।
प्रत्येक पंचायत से 15 युवाओं को स्वरोजगार के लिए सहायता दी जाएगी। इस आधार पर 60 से 65 हजार युवा लाभान्वित होंगे। एक लाख युवाओं को स्किल प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया है।