नई दिल्ली। श्रीलंका ने भारत को आश्वासन दिया कि उनके देश को किसी भी गतिविधि के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ मुलाकात में व्यापक तरीके से चीन के साथ कोलंबो के संबंधों के बारे में बताया। इसके साथ ही महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार सहित कई मुद्दों पर दोनों के बीच चर्चा हुई। विदेश सचिव श्रृंगला ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के लिए श्रीलंका की अपनी चार दिवसीय यात्रा समाप्त करने से पहले राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात की। यह बैठक राजपक्षे के संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के बाद अमेरिका से लौटने के एक दिन बाद हुई। राष्ट्रपति की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली किसी भी गतिविधि की श्रीलंका में इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही राजपक्षे ने चीन के साथ श्रीलंका के संबंधों के बारे में व्यापक तरीके से समझाया और भारतीय विदेश सचिव को इस बारे में कोई संदेह नहीं रखने को कहा। बता दें कि चीन श्रीलंका में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, बंदरगाहों सहित विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। बीजिंग श्रीलंका को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था कोविड 19 महामारी के दबाव में संघर्ष कर रही है।