गुजरात। गुजरात के सूरत में आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील के हजीरा संयंत्र के भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने स्टील के क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का जिक्र करते हुए इसे और मजबूती से आगे बढ़ाने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पहले हम रक्षा उपकरणों के विकास के लिए उच्च श्रेणी के स्टील के आयात पर निर्भर थे।
आज स्टील उद्योग आत्मानिर्भर भारत की ओर बढ़ रहा है और आईएनएस विक्रांत मेक इन इंडिया की ओर इस बदलाव का एक उदाहरण है। भारत दुनिया का बड़ा विनिर्माण हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार इस सेक्टर के विकास के लिए आवश्यक नीति पर्यावरण बनाने में तत्परता से जुटी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत में कच्चे इस्पात के उत्पादन को दोगुना करना है। सरकार ने आने वाले वर्षों में 30 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के माध्यम से उत्पादन के परिपत्र साधनों को बढ़ावा दे रही है। जैसे-जैसे हम एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, इस्पात उद्योग देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय इस्पात उद्योग अब दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
भारतीय स्टील उद्योग दुनिया में दूसरे नंबर पर:-
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में सभी के प्रयासों की वजह से भारतीय स्टील उद्योग दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्टील उत्पादक उद्योग बन गई है। इस क्षेत्र में विकास की आपार संभावनाएं हैं। अमृत काल में प्रवेश कर चुका हमारा देश अब विकसित भारत के लक्ष्यों की ओर बढ़ने को आतुर है। देश की इस विकास यात्रा में स्टील उद्योग की भूमिका और सशक्त होने वाली है क्योंकि जब देश में स्टील उद्योग मजबूत होता है तो आधारभूत संरचना मजबूत होता है।
आप सभी को आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के हजीरा संयंत्र का विस्तार होने पर बहुत बहुत बधाई। इस स्टील प्लांट के माध्यम से सिर्फ निवेश नहीं हो रहा है बल्कि भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खुल रहे हैं।