योग। बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है कि हम अपने शरीर के अंगों को एक्टिव रखें और ब्लड सर्कुलेशन, ऑक्सीजन फ्लो आदि को सुचारू रखने के लिए नियमित योग व्यायाम आदि करें। यदि आप किसी ऐसे योगाभ्यास की जानकारी लेना चाहते हैं, जिसके अभ्यास से शरीर की हर समस्या को दूर किया जा सकता है तो अच्छा होगा कि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें। सूर्य नमस्कार के 12 अभ्यास एक तरह से संपूर्ण अभ्यास है, जो आपके शरीर के हर भीतरी बाहरी अंगों को मजबूत रखने का काम करता है। आप रोजाना सूर्य नमस्कार के अभ्यास के बाद प्राणायाम कर लें तो इससे आपके एक दिन का वर्कआउट कंप्लीट हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि सूर्य नमस्कार का किस तरह अभ्यास करें और किन सावधानियों को बरतते हुए इसे करें।
इन बातों का रखें ध्यान :-
सूर्य नमस्कार के अभ्यास से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि हमें किन हालात में इसके अभ्यासों को नहीं करना है. मसलन, यदि आपके कमर में दर्द है तो आप पाद्हस्तासन यानी आगे की तरफ पूरी तरह झुकने वाले आसन का अभ्यास ना करें। ऐसा करने से दर्द और बढ़ सकता है। आपके पेट में किसी तरह की समस्या है तो भी इस आसन का अभ्यास ना करें। यदि आपके घुटनों में दर्द है तो आप घुटनों के नीचे तौलिया रखकर और नीकैप लगाकर इसका अभ्यास करें। यदि आप हार्ट पेशेंट हैं तो सूर्य नमस्कार का अभ्यास धीमी गति से करें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका अभ्यास करें। इसके अलावा, हार्निया या किसी तरह का ऑपरेशन आदि हुआ है तो डॉक्टर की सलाह लें और विशेषज्ञों की निगरानी में ही इसे करें। सूर्य नमस्कार से पहले कुछ सूक्ष्मयाम आदि जरूर करें जिससे शरीर पूरी तरह से वार्मअप हो जाए।
इस तरह करें सूर्य नमस्कार :-
प्रणामासन – अपने मैट पर कमर, गर्दन सीधा करते हुए तन कर खड़े हो जाएं। दोनों हथेलियों को मिलाएं और अंगूठों को गर्दन के बराबर रखते हुए सूर्य की लालिमा को ध्यान में रखते हुए हाथों को मिलाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं। गहरी सांस लें और प्रार्थना करें।
हस्तउत्तनासन– अब गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को आगे से उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं। हाथों से प्रणाम करने की मुद्रा बनाते हुए पीछे की तरफ हल्का झुकने की कोशिश करें।
पादहस्तासन– अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए टेबल टॉप पोजीशन बनाते हुए आगे की ओर पूरी तरह से झुकें। अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं। इस मुद्रा में आपका सिर को घुटनों से मिलाने की कोशिश करें। यदि कमर में दर्द है तो आप 90 डिग्री एंगल तक ही झुकें या इस आसन को स्किप कर सकते हैं।
अश्व संचालनासन– अब गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर रखें और एक पैर को पीछे की तरफ ले जाते हुए घुटना जमीन पर रखें। अब दूसरे पैर को मोड़ें और सिर को आगे की तरह ऊपर उठाते हुए सामने की ओर देखें।
दंडासन– अब गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा कर लें और एक लाइन में रखें। अब पुशअप करने की अवस्था में आ जाएं। कुछ देर इसी तरह होल्ड करें। इसे संतुलनासन भी कहा जाता है।
अष्टांग नमस्कार– अब धीरे से अपनी हथेलियों, सीना, घुटने और पैरों को जमीन से सटाएं और इसी अवस्था में होल्ड रहें। गहरी सांस लेते और छोड़ते रहें।
भुजंगासन–अब अपनी दोनों हथेलियों को जमीन पर रखते हुए दोनों हाथों के बीच से शरीर के अगले हिस्से को आगे की तरफ उठाकर रखें। अब इस मुद्रा में कुछ देर होल्ड करें।
अधोमुख शवासन– अब अपने दोनों पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे को ऊपर की ओर उठाएं। अपने कंधों को सीधा रखते हुए अपनी नाभी की तरफ देखें। अब ये सारी प्रक्रिया को उल्टा दोहराएं। शुरुआत के अभ्यास धीमी गति से करें और जब अभ्यास बेहतर होने लगे तब ही इसकी रफ्तार बढ़ाएं।