Tamil Nadu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु (Tamil Nadu) के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने थूथुकुडी में करीब 17,300 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर राष्ट्र को सौंपा. इन परीयोजनाओं में देश का पहला हाइड्रोजन हब पोर्ट और इनलैंड वाटर वे वेसल शामिल है. बता दें कि वेसल को हरित नौका इनिशिएटिव के अंतर्गत बनाया गया है. साथ ही पीएम मोदी ने वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की भी नींव रखी.
पीएम मोदी ने थूथुकुडी में हरित नौका पहल के अंतर्गत भारत के पहले स्वदेशी हरित हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया.
Tamil Nadu: ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना
उन्होंने कहा कि आज तमिलनाडु थूथुकुडी में प्रगति का नया अध्याय लिख रहा है. आज यहां कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जा रहा है. यह परियोजनाएं विकसित भारत के रोडमैप का एक महत्वपूर्ण भाग हैं. इन परियोजनाओं में आपको ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना भी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि आज भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन फेरी को लॉन्च किया गया है. यह फेरी जल्द ही काशी में गंगा नदी में चलेगी, यह एक तरह से तमिलनाडु के लोगों का काशी के लोगों को बहुत बड़ा उपहार है.
Tamil Nadu: सत्य कड़वा होता है, लेकिन जरूरी…
प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्य कड़वा होता है, लेकिन सत्य जरूरी भी होता है. मैं यूपीए सरकार पर सीधा-सीधा आरोप लगा रहा हूं कि जो प्रोजेक्ट्स मैं आज लेकर आया हूं, ये दशकों से यहां के लोगों की मांग थी. आज जो यहां सत्ता में हैं, वे लोग उस समय दिल्ली में सरकार चलाते थे, लेकिन उनको आपके विकास की परवाह नहीं थी. वो लोग बातें तो तमिलनाडु की करते हैं, लेकिन तमिलनाडु की भलाई के लिए कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी. आज मैं तमिलनाडु की धरती पर इस राज्य का भाग्य लिखने के लिए एक सेवक बनकर आया हूं.
Tamil Nadu: उपेक्षित क्षेत्र आज विकसित भारत की बुनियाद
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने एक बार मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि देश के प्रमुख लाइटहाउस को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है. आज मुझे देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित 75 लाइटहाउस में विकसित की गई पर्यटन सुविधाओं को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला है. जलमार्ग और समुद्री क्षेत्र को दशकों तक हमारे देश में उपेक्षा के साथ देखा गया, मगर यही उपेक्षित क्षेत्र आज विकसित भारत की बुनियाद बन रहे हैं. तमिलनाडु और दक्षिण भारत को इसका सबसे बड़ा लाभ मिल रहा है.
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