जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं रोकने के लिए राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) बनाई गई है। हर जगह आतंकी घुसपैठ के चलते पुलिस थानों पर लगातार बोझ बढ़ रहा था। अब इस एजेंसी में एक ऐसी टीम तैयार की जा रही है, जो आतंकवाद के मामले में प्रभावी साबित हो। जाहिर सी बात है कि पुलिस के ऐसे अफसरों और कर्मियों को इसमें लाने की कोशिश है, जो आतंक के गढ़ में काम कर चुके हैं। साथ ही जिनका आतंकवाद ग्रस्त क्षेत्रों में अच्छा नेटवर्क है। पुलिस के बहुत से इंस्पेक्टर हैं, जिनको आतंकी मामलों की अच्छी खासी जानकारी है। सूत्रों का कहना है कि राज्य जांच एजेंसी में 100 से ज्यादा अफसरों और कर्मियों को तैनात करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अभी यह तय किया गया जा रहा है कि इसमें कितने एसएपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अफसर होंगे। लेकिन संभव है कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की तरह ही यह काम करेगी। नशा तस्करों, जेलों में बंद अपराधियों, कारोबारियों, सरकारी मुलाजिमों, पुलिस कर्मियों, बाहरी राज्यों के कॉलेजों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों, पंजाब, बिहार और अन्य राज्यों में सक्रिय अपराधियों को आतंकी संगठन अपने साथ जोड़कर आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।