उदयपुर। नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले दर्जी कन्हैया लाल की मंगलवार को पाशविक तरीके से गला काट कर की गई हत्या बर्बरता और घृणित मानसिकता की पराकाष्ठा है। हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिल को दहला देने वाली दिन दहाड़े हुई इस नृशंस हत्या में गिरफ्तार दोनों आरोपियों के दुस्साहस को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने न सिर्फ इस वीभत्स हत्या का वीडियो बनाया, बल्कि अपने कुकृत्य को सही ठहराते हुए एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धमकी तक दे डाली।
कट्टरपंथी उन्मादियों का इस हद तक मनोबल बढ़ना गम्भीर चिन्ता का विषय है। पिछले कुछ समय से राजस्थान में जिस तरह हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं वह किसी बड़े खतरे का संकेत है। मजहबी उन्मादियों के लिए राजस्थान सुरक्षित क्षेत्र बनता जा रहा है। दर्जी कन्हैया लाल हत्याकाण्ड में पुलिस की निष्क्रियता सामने आई है।
कन्हैया लाल को कई दिनों से हत्या की धमकी मिल रही थी जिसकी नामजद रिपोर्ट उसने थाने में दर्ज करायी थी। धमकी के डर से उसने अपनी दुकान छह दिन तक बंद रखी थी लेकिन पुलिस ने इस दौरान कोई काररवाई नहीं की। पुलिस की लापरवाही का पूरा फायदा उठाते हुए आरोपियों ने दुकान खुलते ही कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान में घुसे और निर्ममता की सारी हदें पार करने वाली घटना को अंजाम दिया।
घटना की गम्भीरता को देखते हुए और हिंसक घटनाओं की आशंका से जिले के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और 24 घण्टे तक पूरे राज्य में इण्टरनेट सेवा बंद कर दी गई। आतंकवाद के खिलाफ प्रधान मंत्री मोदी की लड़ाई और इस्लामिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मोदी के साथ बढ़ती घनिष्टता तालिबान जैसे कट्टर धर्मावलम्बियों को रास नहीं आ रहा है। इस तरहकी घटनाओं से आतंकियोंकी हताशा और विवशता ही परिलक्षित होती है।