नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे विवाद के बीच सेना की ओर से एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अग्निपथ योजना को लेकर जो सवाल सामने आ रहे हैं, उसका जवाब देने की कोशिश की गई है।
आज फिर से रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी सामने आए। उन्होंने कहा कि अगिनपथ योजना 3 चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा का प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग व तीसरा, व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना है।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि, भर्ती प्रक्रिया में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। सैन्य प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी। हम एक वचनबद्धता लेंगे, उम्मीदवारों को प्रतिज्ञा प्रस्तुत करनी होगी कि वे किसी भी आगजनी, तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे।
उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है। किसी ने अफवाह फैलाई है कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा। यह एक फर्जी सूचना है। अनिल पुरी ने आगे बताया कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है।
हमारे 50% युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। हमें इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्रतिबिंबित करना होगा।
एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि पहले वर्ष में 2% से शुरू करके अग्निवरों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी और 10 वें वर्ष में लगभग 9,000-10,000 हो जाएगी।
भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। भारतीय वायु सेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए आवश्यक सब कुछ करेंगे।