यात्रा। औरंगाबाद भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह प्राचीन और शानदार अजंता और एलोरा गुफाओं का घर है और इसलिए ऐतिहासिक रूप से इसका एक अलग महत्व है। अंजता और एलोरा गुफाओं के कारण यहां पर सिर्फ राज्य या देश से ही लोग घूमने के लिए नहीं आते हैं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटको को यह शहर अपनी ओर आकर्षित करता है। शहर की भूमि पर कई महल, मकबरे और पार्क मौजूद हैं, जो इसे देखने लायक एक बेहतरीन जगह बनाते हैं।
इसे सरकार द्वारा 2010 में महाराष्ट्र की पर्यटन राजधानी के रूप में घोषित किया गया। शहर को 17 वीं शताब्दी ईस्वी में मुगल सम्राट औरंगजेब की पूर्ववर्ती राजधानी होने के लिए इसका नाम औरंगाबाद रखा गया। चलिए जानते हैं औरंगाबाद में घूमने के लिए जगह-
देखें बीबी का मकबरा:-
ताजमहल के समान दिखने वाला, बीबी का मकबरा मुगल सम्राट औरंगजेब की पत्नी राबिया-उल-दौरानी उर्फ दिलरस बानो बेगम का एक सुंदर मकबरा है। जिसे औरंगजेब ने अपनी पत्नी की याद में 1661 में बनवाया था। स्मारक प्रसिद्ध ताजमहल जैसा दिखता है, क्योंकि डिजाइन के निर्माण की मुख्य प्रेरणा यहीं से थी और इसे अक्सर दक्कन का ताज कहा जाता है। यह औरंगजेब के शासनकाल के दौरान बनाई गई सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक है।
घृष्णेश्वर मंदिर:-
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, एलोरा में स्थित घृष्णेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंगों सबसे छोटा है और इसे भारत का अंतिम या 12वां ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
मंदिर की वास्तुकला एक दक्षिण भारतीय शैली का अनुसरण करती है और इसे औरंगाबाद में घूमने के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। बता दें कि इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण करवाया गया। मंदिर के वर्तमान स्वरूप का निर्माण इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने 18वीं शताब्दी में करवाया था।
दौलताबाद किले:-
औरंगाबाद के मुख्य शहर से 15 किमी दूर स्थित, दौलताबाद का किला एक प्राचीन किला है। इसे ’महाराष्ट्र के सात अजूबों’ में से एक माना जाता है और इसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में करवाया गया। किले के शिखर से आप पूरे शहर का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य देख सकते हैं। आपको ऊपर तक लगभग 750 अजीब सीढ़ियां चढ़ने की जरूरत है, लेकिन नीचे का नजारा निहारना एक बेहद ही अद्भुत और अविस्मरणीय अनुभव है।
सिद्धार्थ गार्डन:-
सिद्धार्थ गार्डन एक पार्क होने के साथ-साथ चिड़ियाघर भी है। यह औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है और औरगांबाद के लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बीबी का मकबरा से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सिद्धार्थ गार्डन का एक अन्य आकर्षण चिड़ियाघर है, जहां बाघ, शेर, तेंदुआ, सिवेट बिल्लियां, सांप, मगरमच्छ, इमू, लोमड़ी, हिरण, लकड़बग्घा आदि जैसे कई जंगली जानवर मिल सकते हैं। सिद्धार्थ गार्डन में एक मछलीघर भी है। जहां विभिन्न प्रकार की रंगीन मछलियों को देखा जा सकता है। यह बच्चों के साथ घूमने के लिए एक अच्छी जगह है।
औरंगाबाद गुफाओं में घूमें
औरंगाबाद गुफाएं बारह रॉक-कट बौद्ध मंदिर हैं, जो औरंगाबाद से लगभग 20 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित हैं। ये गुफाएं 6वीं और 8वीं शताब्दी की हैं। ध्यान दें कि यह अजंता और एलोरा गुफाओं से अलग हैं। सॉफ्ट बेसाल्ट रॉक से उकेरी गई, इन्हें भारत की सबसे शानदार गुफाओं में से एक माना जाता है। औरंगाबाद की गुफाएं ट्रेकिंग के लिए भी आदर्श मानी जाती हैं। औरंगाबाद की गुफाओं का आकर्षण इसकी मूर्तियां हैं।