ये योगासन न्यूरोलॉजिकल विकारों में होते हैं कारगर…

योग। योगासनों के अभ्यास की आदत शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए कारगर मानी जाती है। योग, न्यूरोलॉजिकल विकारों को ठीक करने में भी काफी प्रभावी हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास करते हैं उनमें अन्य लोगों की तुलना में न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा भी कम होता है। योगासनों से संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिल सकता है।

अल्जाइमर जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के शिकार लोग भी योग का नियमित अभ्यास करके लक्षणों को कम कर सकते हैं। योग, मस्तिष्क और तंत्रिकाओं को स्वस्थ रखने के साथ इससे संबंधित विकारों और जोखिमों को कम करने में सहायक माने जाते हैं। आइए जानते हैं किन योगासनों के अभ्यास की आदत आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है?

क्या कहते हैं अध्ययन?
ब्रेन प्लास्टिसिटी जर्नल में प्रकाशित एक अमेरिकी अध्ययन के मुताबिक, एरोबिक व्यायाम की तुलना में योग के अभ्यास से न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिम को कम करने में अधिक लाभ पाया जा सकता है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाली मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को कम करने और शारीरिक-मानसिक दोनों तरह की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए योग का अभ्यास करके लाभ मिल सकता है। योगासनों के माध्यम से ध्यान और निर्णय लेने की क्षमता को भी ठीक किया जा सकता है, जो प्राय: न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के शिकार लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या रहती है।

वज्रासन योग से मिलता है लाभ:-
वज्रासन योग के नियमित अभ्यास की आदत  न केवल मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करती है बल्कि पाचन अम्लता और गैस जैसी दिक्कतों में भी इससे लाभ प्राप्त किया जा सकता है। अध्ययनों से पता चलता है मस्तिष्क की समस्याओं से परेशान लोगों को इस योगासन से लाभ प्राप्त हो सकता है। घुटने के दर्द को दूर करने, जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पीठ दर्द की समस्याओं के शिकार लोगों के लिए इस योगासन के अभ्यास की आदत बनाना फायदेमंद हो सकता है।

सिद्धासन योग के फायदे:-
सिद्धासन योग, जिस तरह नाम से ही स्पष्ट है यह मानसिक विकारों को दूर करने और तंत्रिकाओं को आराम दिलाने में विशेष लाभप्रद हो सकती है। शोध बताते हैं कि इस योग के अभ्यास की आदत मस्तिष्क में हार्मोन संतुलन को ठीक रखकर इसके कार्यों को बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। कूल्हों और कमर/जांघ की भीतरी मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाने के लिए इसे उत्कृष्ट अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। रोजाना इस योग को करने की आदत जरूर बनाएं।

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