योग। नियमित योगासनों के अभ्यास की आदत संपूर्ण शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है। मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग से लेकर पूरे शरीर में रक्त के संचार को सुचारु रुप से संचारित करने के लिए योग करना विशेष लाभप्रद है। त्रिकोणासन ऐसा ही अभ्यास है जिससे मांसपेशियों की बेहतर स्ट्रेचिंग करके रक्त के संचार को ठीक रखने में लाभ मिलता है।
इस योग के अभ्यास के दौरान शरीर को दाएं और बाएं तरफ स्ट्रेच करने की आवश्यकता होती है जिससे पीठ, हाथों और पैरों की मांसपेशियों की सक्रियता और उनमें रक्त का संचार बढ़ता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, इस योग को करके सभी आयु के लोग कई प्रकार से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं त्रिकोणासन योग से शरीर को होने वाले लाभ-
त्रिकोणासन योग कैसे किया जाता है?
इस योग का अभ्यास करने से मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ती है और शारीरिक निष्क्रियता के कारण होने वाली कई तरह की समस्याओं का जोखिम कम होता है। इस योग के अभ्यास के लिए दोनों पैरों के बीच फासला रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। अब लंबी श्वास लेते हुए और दाईं ओर झुकें, नजर सामने की ओर रखें।
इस स्थिति में दाएं हाथ की उंगलियों से दाएं पैर को छूने की कोशिश करें। फिर पूर्ववत स्थिति में आएं और इसकी अभ्यास को बाईं तरफ से भी करें। यह इस अभ्यास का एक सेट है, इस प्रकार से रोजाना 25-30 सेट करने की आदत बनाएं। अभ्यास में जल्दबाजी न करें।
त्रिकोणासन योग से क्या लाभ है?
- पैरों, घुटनों, टखनों, बाहों और छाती को इससे मजबूती मिलती है।
- कूल्हों, कमर, हैमस्ट्रिंग, कंधों, छाती और रीढ़ की स्ट्रेचिंग और लचीलेपन को बढ़ाने में इस योग के अभ्यास से लाभ हो सकते हैं।
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और संतुलन ठीक रहता है।
- पाचन में सुधार करने में इस योग से मदद मिलती है।
- चिंता-तनाव, पीठ दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं से परेशान लोगों कोइस अभ्यास से लाभ मिलता है।
त्रिकोणासन योग की सावधानियां:-
वैसे तो इस योग के अभ्यास से सभी लोगों को लाभ मिलता है पर कुछ स्थितियों में इसे न करने की सलाह दी जाती है। यदि आप माइग्रेन, डायरिया, निम्न या उच्च रक्तचाप या गर्दन और पीठ में चोट से पीड़ित हैं तो इस मुद्रा को करने से बचें। उच्च रक्तचाप वाले लोग इस मुद्रा को कर सकते हैं, लेकिन बिना अपना हाथ ऊपर उठाए, क्योंकि यह रक्तचाप को और बढ़ा सकता है।