जानलेवा बन गया यूक्रेन संघर्ष और कोविड महामारी

विदेश। करीब छह माह से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह सदी का सबसे लम्बा चलने वाला युद्ध बनता जा रहा हैजिसका दुष्प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। 24 फरवरी 2022  से शुरू युद्ध के चलते पूरा विश्व दो गुटों में बंट गया है। यह युद्ध कब समाप्त होगायह अनिश्चित है।

रूस- यूक्रेन युद्ध के सन्दर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया है जिस पर दोनों देशों और उनके मित्र राष्ट्रों को गम्भीरता से सोचने की आवश्यकता है। रूस के सुदूर पूर्व में स्थित ब्लादिवोस्तोक शहर में आयोजित सातवें ईस्टर्न इकोनामिक फोरम को वर्चुअल रूप से सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन विवाद को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।

संघर्ष की शुरुआत से ही हमने वार्ता और कूटनीति का मार्ग अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शान्तिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते हैं। आज के वैश्वीकृत दुनिया में किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व को प्रभावित करती हैं।  वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है।

खाद्यान्नउर्वरक और ईंधन की कमी विकासशील देशों के लिए बड़ी चिन्ता का विषय है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में तमाम मुद्दों पर भारत के पक्ष को रखा लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के सन्दर्भ में उनका वक्तव्य महत्वपूर्ण  और प्रासंगिक है। इस युद्ध का समाप्त होना न केवल दो देशों के लिए बल्कि पूरे विश्व के हित में है।

युद्ध से यूक्रेन में जहां भारी तबाही हुई है वहीं रूस को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है। दोनों पक्षों को जान-माल की भारी क्षति पहुंची है। यदि युद्ध और लम्बा खिंचता है तो इससे तबाही और बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि कूटनीति और वार्ता के माध्यम से युद्ध को समाप्त कराने के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस प्रयास किए जायक्योंकि युद्ध किसी विवाद का समाधान नहीं हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *