बिना लाइसेंस पालतू जानवरों की दुकानों पर हाईकोर्ट ने लगाया प्रतिबंध
त्रिपुरा। त्रिपुरा हाईकोर्ट ने जानवरों के प्रति क्रूरता के खिलाफ सख्त रुख जाहिर किया है। इसके साथ ही जानवरों के अवैध तरीके वध और बिना लाइसेंस पालतू जानवरों की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया है। कोर्ट ने इस संबंध में जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बैक टू बैक दो महत्वपूर्ण आदेश पारित किए हैं। पहला आदेश 9 नवंबर को आया, जहां मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की हाई कोर्ट की खंडपीठ ने त्रिपुरा के बाजारों में जानवरों के मांस और मछली की अवैध बिक्री और खुले में वध पर कड़ी आपत्ति जताई। इस दौरान पीठ याचिकाकर्ता अरिजीत भौमिक की ओर से अधिवक्ता अंकन तिलक पॉल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अगरतला नगर निगम के अधिकारियों को खुले में जानवरों और मछलियों का वध रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के विद्वान वकील ने एक अतिरिक्त हलफनामे में कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगरतला नगर निगम के फुटपाथ पर बिना लाइसेंस के विभिन्न स्थानों पर मांस और मछली जैसे पशु उत्पादों की अवैध वध और बिक्री हो रही है। साथ ही अगरतला नगर निगम के वकील आगे कहते हैं कि नगर बाजार के भीतर मांस की बिक्री के लिए एक जगह है, जहां लाइसेंस दिए गए हैं और यदि व्यक्ति संबंधित नगर निगम से लाइसेंस मांगते हैं, तो नगर निगम उक्त स्थिति को सत्यापित कर सकता है और जिसके पास लाइसेंस नहीं हो उसे वह प्रदान करे।