Veer Savarkar college: वीर सावरकर के नाम पर बन रहे कॉलेज को लेकर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी SFI ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखा. इस दौरान SFI ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के नजफगढ़ में बनाए जा रहे नए कॉलेज का नाम बदल कर भारत की प्रथम महिला अध्यापिका सावित्री बाई फुले के नाम पर रखने को अपील की.
बता दें कि पीएम मोदी ने हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए डीयू के दो नए परिसरों और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की आधारशिला रखी थी. SFI ने अपने पत्र में लिखा कि “विश्वविद्यालय की वेबसाइट की घोषणाओं और समाचार स्रोतों के जरिए हमें सूचना मिली है कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में आपने नजफगढ़ में एक नए कॉलेज का नाम विनायक दामोदर सावरकर के नाम पर रखने का निर्णय लिया है, जो एक विवादास्पद दक्षिणपंथी विचारक थे.
सावरकर नहीं रखा जाना चाहिए कॉलेज का नाम
एसएफआई ने कहा कि सावरकर ने भारत के बहुलवादी और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत विचारों को बढ़ावा दिया है. ऐसे में डीयू की समृद्ध विरासत को ध्यान में रखते हुए, सावरकर, जो सभी के लिए समानता, स्वतंत्रता और संवैधानिक विचारों के खिलाफ थे, को याद करते हुए उनके नाम पर एक कॉलेज का नाम नहीं रखा जाना चाहिए.
पत्र में कहा गया कि हम इसी बात से भी हैरान हैं कि आपने इस कॉलेज का नाम सावरकर के नाम पर रखकर इसकी नींव रखने के लिए 3 जनवरी का दिन चुना गया जिस दिन सावित्रीबाई फुले की जयंती है.
महिलाओं के शिक्षा पर की थी अपमानजनक टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले एक अग्रणी भारतीय समाज सुधारक, शिक्षिका और कवियत्री थीं, जिन्होंने 19वीं सदी के भारत में जाति और लिंग आधारित भेदभाव को चुनौती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और हम उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षिका मानते हैं. वहीं, विनायक सावरकर सभी छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा के खिलाफ थे. भारत में महिलाओं के शिक्षा के अधिकार पर उनकी अपमानजनक टिप्पणियाँ उन्हें नजफगढ़ कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखने के योग्य नहीं बनाती हैं.
“सावित्रीबाई फुले रखा जाए नजफगढ़ कॉलेज का नाम”
SFI ने पत्र में आगे कहा कि भारतीय छात्र संघ की ओर से, हम नजफगढ़ कॉलेज का नाम सावरकर के नाम पर रखे जाने के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज कराना चाहते हैं और आपसे अनुरोध करते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रगतिशील विरासत को कायम रखने और सभी के लिए समान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसका नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले कर दिया जाए.
इसे भी पढ़े:- PM Modi ने नमो भारत कॉरिडोर का किया उद्घाटन, अब 40 मिनट में तय हो सकेगा मेरठ से दिल्ली तक का सफर