नई दिल्ली। ‘जल विजन 2047’ विषय पर 5 जनवरी से दो दिवसीय प्रथम अखिल भारतीय राज्य मंत्री वार्षिक सम्मेलन का आयोजन एमपी की राजधानी भोपाल में किया गया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत जल सुरक्षा में अभूतपूर्ण काम कर रहा है और अभूतपूर्ण निवेश भी कर रहा है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मनरेगा के तहत पानी पर अधिक से अधिक काम किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए जन भागीदारी की सोच को जनता के मन में जगाना है। हम इस दिशा में जितना ज्यादा प्रयास करेंगे उतना ही अधिक प्रभाव पैदा होगा। देश हर जिले में 75 अमृत सरोवर बना रहा है और अब तक 25,000 अमृत सरोवर बन भी चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि Water vision 2047 अगले 25 वर्षों के अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम है।
जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही:-
पीएम मोदी ने कहा कि जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कई राज्यों ने इसमें अच्छा काम किया है और कई राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जल संरक्षण के लिए केंद्र ने अटल भू-जल संरक्षण योजना की शुरुआत की है।
इस बजट में सर्कुलर इकोनॉमी पर काफी जोर दिया है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने इस बजट में सर्कुलर इकोनॉमी पर काफी जोर दिया है। जल संरक्षण के क्षेत्र में भी सर्कुलर इकोनॉमी की बड़ी भूमिका है। जब ट्रीटेड जल को पुन: उपयोग किया जाता है, ताजा जल को संरक्षण किया जाता है तो उससे पूरे इकोसिस्टम को बहुत लाभ होता है।
शहरीकरण की रफ्तार के मद्देनजर जल संरक्षण पर गंभीरता से सोचना होगा:-
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है और जब शहरीकरण की रफ्तार ऐसी हो तो हमें पानी के विषय में पूरी गंभीरता से सोचना चाहिए। इंडस्ट्री और खेती दो ऐसे सेक्टर्स हैं, जिसमें पानी की आवश्यकता अधिक होती है। इन दोनों सेक्टर्स को मिल कर जल संरक्षण अभियान चलाना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।
‘स्वच्छ भारत अभियान‘ से मिला फायदा:-
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से जब लोग जुड़े तब जनता में भी चेतना और जागरूकता आई। सरकार ने संसाधन जुटाए,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और शौचालय जैसे अनेक कार्य किए। लेकिन अभियान की सफलता तब सुनिश्चित हुई जब जनता ने सोचा कि गंदगी नहीं फैलानी है। जनता में यही सोच जल संरक्षण के लिए भी जगानी होगी।