यात्रा। क्या अपको पता है कि देश में चिड़ियाघरों का निर्माण दुर्लभ पशु-पक्षियों का संरक्षण करने के लिए किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह मनोरंजन का केंद्र बन गया। तो आप भी कभी न कभी बचपन में चिड़ियाघर घूमने तो गए ही होंगे। लोग आज के समय में मनोरंजन के लिए चिड़ियाघर घूमने जाते हैं।
बच्चों को अक्सर पशु-पक्षियों के बारे जानकारी देने के लिए उन्हें स्कूल की तरफ से चिड़ियाघर ले जाया जाता है। चिड़ियाघर में तरह-तरह के पशु-पक्षी, पेड़-पौधे देख कर बच्चों का मनोरंजन तो होता ही है और साथ ही उनका ज्ञान भी बढ़ता है। भारत के कई राज्यों में ऐसे चिड़ियाघर हैं, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको भारत के 7 सबसे बड़े चिड़ियाघरों के बारे में बताएंगे…
दिल्ली का चिड़ियाघर- राजधानी दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर भारत ही नहीं, बल्कि एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। आपको बता दें कि श्रीलंका के डिज़ाइनर मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने इस चिड़ियाघर का निर्माण वर्ष 1959 में किया था।जानकारी के मुताबिक यह चिड़ियाघर करिब 214 एकड़ में फैला हुआ है, यहाँ जानवरों व पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। इस चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है, जहां पर्यटक पेड़-पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
मैसूर का चिड़ियाघर- मैसूर में स्थित चिड़ियाघर दुनिया के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। आपको बता दें कि इस चिड़ियाघर का निर्माण वर्ष 1892 में शाही संरक्षण में हुआ था। इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को देखा जा सकता है। आपको यहां सफेद मोर, हाथी, गैंडे, दरियाई घोड़े और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां देख्नें को मिल जाएंगी। इसके अलावा यहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की लगभग 85 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं।
चेन्नई का चिड़ियाघर- चेन्नई में स्थित चिड़ियाघर भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। आपको बता दें कि इस चिड़ियाघर को पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक यह चिड़ियाघर करिब 1300 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ 1500 से ज्यादा पशु-पक्षियों की प्रजातियां मौजूद हैं। इसके साथ ही इस चिड़ियाघर में पेड़-पौधों की करिब 2553 प्रजातियाँ मौजूद हैं।
हैदराबाद का चिड़ियाघर- हैदराबाद में स्थित यह चिड़ियाघर लगभग 380 एकड़ में फैला हुआ है और यहाँ एक झील भी है। इस चिड़ियाघर की स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में आपको दुर्लभ प्रजाति के शेर देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा यहां कई दूसरे देशों से लाए गए पशु-पक्षियों को भी रखा गया है।
केरल का चिड़ियाघर- केरल का त्रिवेंद्रम चिड़ियाघर का निर्माण वर्ष 1857 ई में हुआ था। पीएमजी जंक्शन के पास स्थित यह चिड़ियाघर करिब 55 एकड़ में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में अफ्रीकन मूल के शेर भी मौजूद हैं। इसके अलावा यहाँ मेंड्रिल बंदर और विदेशी पक्षी भी हैं। यहाँ भारतीय और विदेशी पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों का संग्रह भी है। इस चिड़ियाघर में भारतीय गैंडा, नीलगिरि लंगूर, एशियाई शेर और रॉयल बंगाल टाइगर देखने को मिलते हैं।
असम का चिड़ियाघर- गुवाहाटी में स्थित चिड़ियाघर करिब 1।75 कि.मी. में फैले हुए इस चिड़ियाघर की स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी। इस चिड़ियाघर में एशियाटिक लायन, रॉयल बंगाल टाइगर, हिमालनीय काला भालू, भारतीय गैंडे के अलावा कई देशी और विदेशी पशु-पक्षी मौजूद हैं।
ओडिशा का चिड़ियाघर- ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित यह चिड़ियाघर देश के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक हैं। जानकारी के मुताबिक यह चिड़ियाघर लगभग 400 हैक्टेयर में फैला हुआ है, जिसे वर्ष 1979 में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। आपको बता दें कि यह एक चिड़ियाघर होने के साथ-साथ एक बॉटनिकल गार्डन भी है। इस चिड़ियाघर में जानवरों की लगभग 126 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इसके अलावा यहां कई तरह के जंगली जानवरों को भी देखा जा सकता हैं।