नई दिल्ली। सोशल मीडिया के दौर में आजकल हर कोई मैसेज और चैटिंग के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल करता है। लेकिन अब व्हाट्सएप पर यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। व्हाट्सएप पर एप का उपयोग नहीं होने पर भी यूजर्स की मर्जी के बिना माइक्रोफोन तक एक्सेस करने का आरोप लगाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, एप बैकग्राउंड में माइक्रोफोन को एक्सेस करना जारी रखता है, जिससे यूजर प्राइवेसी को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं। इसको लेकर ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने भी चिंता जताई है। जबकि कंपनी ने दावे का खंडन किया है। अब सरकार ने प्राइवेसी की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए जांच करने के आदेश दिए हैं।
व्हाट्सएप पर क्या है आरोप?
व्हाट्सएप पर कई यूजर्स द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि प्लेटफॉर्म उसके एप इस्तेमाल नहीं करने के दौरान भी उनके माइक्रोफोन का एक्सेस ले रहा है। यह समस्या कई यूजर्स द्वारा देखी गई है। स्मार्टफोन में प्राइवेसी इंडीकेटर जैसे माइक्रोफोन और कैमरा एक्सेस करने पर एक ग्रीन नोटिफिकेशन दिखाई देता है, जो यूजर अलर्ट के रूप में काम करता है। इसी से यूजर्स को व्हाट्सएप के माइक्रोफोन एक्सेस का पता लगा। यूजर्स ने पाया कि जब वह व्हाट्सएप एप का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे तब भी उनके फोन में एप माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहा था।
एलन मस्क ने एक ट्विटर इंजीनियर की पोस्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए व्हाट्सएप के माइक्रोफोन एक्सेस को लेकर चिंता जताई है। दरअसल, एक ट्विटर इंजीनियर फोड डाबिरी ने दावा किया कि जब वह सो रहे थे तो उसका व्हाट्सएप एप्लिकेशन लगातार माइक्रोफोन का उपयोग कर रहा था। डाबिरी ने इसका स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। डाबिरी का ट्वीट वायरल हो गया है और इसे अब तक 65 मिलियन से अधिक बार देखा गया है।
सरकार करेगी जांच
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने व्हाट्सएप के प्राइवेसी चिंताओं को लेकर जांच करने के लिए कहा है। डाबिरी के ट्वीट का जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि यह अस्वीकार्य उल्लंघन और निजता का हनन है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दावे की जांच करेगी कि व्हाट्सएप ने फोन उपयोग नहीं होने की स्थिति में स्मार्टफोन यूजर्स के माइक्रोफोन तक पहुंच बनाई थी कि नहीं। बता दें कि व्हाट्सएप दुनियाभर में लोकप्रिय है और इसके 2.24 बिलियन मंथली यूजर्स हैं।