अज़ब-गज़ब। ऑफिस हो, रेस्टोरेंट हो या कोई पार्टी अगर हम थोड़ा हैवी खाना खा लेते हैं, तो हमारे दिमाग में घर के सुकून भरे बिस्तर का ख्याल आने लगता है। अब चाहे वह सुबह का नाश्ता हो, दोपहर का लंच हो या फिर स्वादिष्ट रात का भोजन खाने के बाद नींद जरुर आने लगती है। खासतौर पर ऐसा दोपहर के खाने के बाद ज्यादा ही महसूस किया जाता है। ऐसे में लोग ऑफिस में भी लंच के बाद अक्सर जम्हाई लेते या अंगड़ाई लेते हुए नजर आते हैं, इतना ही नहीं कई बार तो लोग इस बीच एक झपकी भी ले लेते हैं।
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर रात को पूरी नींद लेने के बाद भी हमें खाना खाने के बाद नींद क्यों आने लगती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इसके पीछे कोई वजह-
आपके मन में कभी न कभी ये बात जरूर आई होगी कि हम खाना तो एनर्जी पाने के लिए खाते है, लेकिन इसे खाते ही आलस और नींद क्यों आती हैं? इसी सवाल का जवाब पता करने के लिए फूड मार्बल नामक एक कंपनी ने रिसर्च की है, जिसके बाद उनके सामने कुछ तथ्य निकलकर आए हैं।
ये तथ्य खाने के बाद आपको सुस्ती और नींद महसूस कराने के जिम्मेदार हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हम जो खाना खाते हैं, वह हमारी नींद के लिए भी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
वैज्ञानिक और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर क्लेयर शॉर्ट का कहना है कि, खाना खाने के बाद हमारी आंत और पूरा शरीर काम करने लगता है। दरअसल, ज्यादा शुगर वाला खाना खाने के बाद हमारा ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है और फिर तेज़ी से घट भी सकता है, यही वजह है कि हमें थकान महसूस होती है।
हालांकि, इसमें हमारे हॉर्मोन भी अहम भूमिका निभाते हैं। खाना खाने के बाद हमारे शरीर में सेरोटोनिन (फील गुड हॉर्मोन) काफी तेजी से बढ़ने लगते है। ऐसे में हमें नींद आने लगती है। एक जर्नल में पब्लिश की गई एक रिसर्च की मानें तो सेरोटोनिन हॉर्मोन खाने के बाद की सुस्ती से संबंध रखते हैं।
वहीं डॉक्टर शॉर्ट का कहना है कि जिन खाने की चीजों में ट्रिप्टोफैन नाम का अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, उसे खाने से हमें ज्यादा नींद आती है। आमतौर पर ये एसिड पानी, अंडा, टोफू जैसी हाई प्रोटीन वाली चीजों में मौजूद होता है। साथ ही जिन चीजों में मेलाटोनिन ज्यादा पाया जाता है। उसे खाने से भी नींद आ सकती है। यदि खाने में हाई फाइबर फूड शामिल किया जाए, तो नींद आने की आशंका कम होती है। वहीं अगर खाना ज्यादा नहीं खाया जाए तो भी आपको सुस्ती और आलस का सामना नहीं करना होगा।