जम्मू कश्मीर। शनिवार को जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि, शांति को क्षेत्र की स्थायी विशेषता बनाने के लिए अब से एक साल के भीतर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का समय आ गया है।
एलजी सिन्हा ने एसकेआईसीसी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘समय आ गया है जब हम सभी को शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। अब से एक साल के भीतर, हम आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकेंगे और शांति को जम्मू-कश्मीर की स्थायी विशेषता बना देंगे।’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शांति के बिना दुनिया के किसी भी हिस्से में विकास नहीं हो सकता। कुछ लोग काला चश्मा पहने हुए हैं और जम्मू-कश्मीर में विकास नहीं देख सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया है कि इस साल एक करोड़ पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। श्रीनगर हवाईअड्डे ने एक दिन में 110 उड़ानें संचालित की गईं, जबकि जम्मू हवाई अड्डे से 44 उड़ानें संचालित हुईं, जो पिछले रिकॉर्ड के मुकाबले में ज्यादा हैं।
एलजी ने कहा कि दो एम्स, मेडिकल कॉलेज, कैंसर अस्पताल पर काम जोरों पर है। अगले साल कश्मीर को ट्रेन के जरिए कन्याकुमारी से जोड़ा जाएगा। एलजी सिन्हा ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर, भारत का ताज रहा है लेकिन कुछ तत्वों ने क्षेत्र को अस्थिर करने और अशांति फैलाने की साजिश रची। हम इस क्षेत्र के अंतिम गौरव को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज पुलवामा में 10,000 युवा हाथों में तिरंगा लिए हुए हैं। ऐसा ही नजारा शोपियां और कश्मीर के अन्य जिलों में देखने को मिल रहा है।’
मनोज सिन्हा ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में सुरक्षाबलों की गोलीबारी से एक भी नागरिक नहीं मारा गया। उन्होंने कहा, ‘हम निर्दोष को हाथ न लगाने और अपराधी को नहीं छोड़ने की नीति का पालन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जिनके हाथों में पत्थर होते थे, वे आज शांति निर्माण में हिस्सा ले रहे हैं।’ एलजी मनोज सिन्हा ने आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर विभिन्न परियोजनाओं का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया।