Health: आज के समय में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. सुबह आंख खुलने से लेकर रात को सोने तक हम घंटों मोबाइल की स्क्रीन देखते रहते हैं – चाहे वह ऑफिस का काम हो, सोशल मीडिया, वीडियो देखना हो या ऑनलाइन शॉपिंग. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आदत से हमारी आंखों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है?
डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों की सेहत धीरे-धीरे खराब होने लगती है और कई गंभीर बीमारियां जन्म ले सकती हैं. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के आई एक्सपर्ट डॉ. ए. के. ग्रोवर के अनुसार, मोबाइल और लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग आंखों के लिए खतरनाक बनता जा रहा है.
आखों पर होने वाले दुष्प्रभाव
आंखों की रोशनी पर असर
सबसे आम समस्या है आंखों की थकान. लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से आंखों में सूखापन, जलन और दर्द महसूस होता है. इसे डिजिटल आई स्ट्रेन कहा जाता है. नीली रोशनी (Blue Light) के लगातार संपर्क में रहने से आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है और धीरे-धीरे दृष्टि कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है.
गर्दन और पीठ दर्द की समस्या
घंटों तक झुककर मोबाइल चलाना या लैपटॉप पर काम करना गलत बॉडी पोस्टर को जन्म देता है. इससे गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द होना आम बात है. लंबे समय में यह समस्या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि हर 30-40 मिनट में एक बार अपनी मुद्रा बदलनी चाहिए और हल्की स्ट्रेचिंग करनी चाहिए.
नींद में कमी (स्लीप डिसऑर्डर)
मोबाइल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है, जो नींद को नियंत्रित करता है. देर रात तक मोबाइल देखने से नींद न आने की समस्या (Insomnia) बढ़ती है, जिससे अगली सुबह थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है.
मानसिक तनाव और ध्यान भटकना
लगातार सोशल मीडिया स्क्रॉल करने या गेम खेलने से दिमाग पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इससे व्यक्ति में बेचैनी, एकाग्रता की कमी और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं. किशोरों में इसका असर और भी ज्यादा देखा जा रहा है.
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
लंबे समय तक बैठकर स्क्रीन देखने से शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं. इससे मोटापा, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
कैसे करें बचाव
- 20-20-20 नियम अपनाएं: हर 20 मिनट बाद, 20 फीट दूर किसी चीज को 20 सेकंड तक देखें.
- स्क्रीन टाइम को सीमित करें, खासकर बच्चों के लिए.
- मोबाइल में ब्लू लाइट फिल्टर या नाइट मोड का इस्तेमाल करें.
- आंखों को बार-बार झपकाएं और अच्छी रौशनी में ही स्क्रीन देखें.
- समय-समय पर आंखों की जांच कराएं और विशेषज्ञ से सलाह लें.
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